डॉ. रोहित गुप्ता ने दी सतर्क रहने की सलाह
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नसें सिकुड़ने के चलते बढ़ती है परेशानी
फरीदाबाद (सच कहूँ/राजेन्द्र दहिया)। मौसम में बदलाव के साथ ही ठंड का कहर बढ़ गया है। जो कि ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की खास जरूरत है। नीलम चौक स्थित एस्कॉर्ट फोर्टिस हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजी विभाग डायरेक्टर डॉ. रोहित गुप्ता ने लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि वैसे तो ब्रेन स्ट्रोक की समस्या कभी भी हो सकती है, लेकिन सर्दियों में यह परेशानी ज्यादा होती है, क्योंकि सर्दी में खून की नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। कभी-कभी बीपी बढ़ने से दिमाग की नस फट जाती हैं। डॉ. रोहित ने बताया कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों को इसका खतरा ज्यादा है। वहीं अगर किसी को शुगर या बीपी की फैमिली हिस्ट्री है तो 40-45 साल की उम्र में जांच के जरिए पता लगाना चाहिए कि उसे शुगर या बीपी का का खतरा है या नहीं।
उन्होंने कहा कि ब्रेन स्ट्रोक की स्थिति में पैरालिसिस के लक्षण सामने आते हैं। इसका कारण है कि ब्रेन के दो हिस्से दायां और बायां हैं। दोनों हिस्से शरीर के अपोजिट हिस्से को नियंत्रित करते हैं। यानी ब्रेन के दाएं हिस्से से शरीर का बायां हिस्सा और बाएं हिस्से से शरीर का दायां हिस्सा नियंत्रित होता है। यदि एंटीरियर के दाएं हिस्से में समस्या होगी तो शरीर के बाएं हिस्से में पैरालिसिस पड़ेगा। यदि एंटीरियर के बाएं हिस्से में समस्या होगी तो शरीर के दाएं हिस्से में लकवा होगा। यदि आप अपने आसपास किसी भी शख्स में पैरालिसिस के लक्षण जैसे शरीर के एक हिस्से में कमजोरी, हाथ पैरों में सुन्नपन, आवाज लडखड़ाना, बात समझने में परेशानी, मुंह, आंख आदि में टेढ़ापन आदि देखें तो समझ जाइए कि ये ब्रेन स्ट्रोक की समस्या है और बगैर देर किए उसे अस्पताल ले जाएं।
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