श्रीगंगानगर। राजस्थान में शुक्रवार रात प्रदेश में इस सीजन की सबसे ठंडी रात रही। शीतलहर चलने और गलनभरी सर्दी के कारण चूरू, माउंट आबू, फतेहपुर, जयपुर के जोबनेर में पारा माइनस में चला गया। इस साल पहली बार ऐसा हुआ जब फतेहपुर के अलावा अन्य तीन और जगहों पर पारा जीरो से नीचे चला गया। शेखावाटी अंचल, हिल स्टेशन माउंट आबू, जयपुर समेत कई जगह खुले इलाकों में बर्फ जम गई। बीती रात सबसे कम तापमान फतेहपुर में माइनस 3.8 दर्ज हुआ। बीती रात चूरू में माइनस 1.1, जयपुर के जोबनेर में माइनस 2, माउंट आबू में माइनस 3 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। माउंट आबू में पहली बार 24 घंटे के अंतराल में पारा 0 से माइनस 3 पर चला गया।
आबू में सुबह 9 बजे तक मैदानों में बर्फ जमी नजर आई। यहां अमूमन पारा 0 के बाद एक-एक डिग्री की गिरावट के साथ माइनस में जाता है। माउंट आबू के मैदानों में और नक्की झील के किनारे बर्फ परत जमी नजर आई। इसके अलावा सीकर, हनुमानगढ़, नागौर, भीलवाड़ा में तापमान 0 से 1 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज हुआ। श्रीगंगानगर 1.1 डिग्री, संगरिया में 0.7 डिग्री दर्ज किया गया। जयपुर मौसम केंद्र ने कड़ाके की सर्दी का असर अगले 3 दिन और बने रहने की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने 19 दिसंबर को गंगानगर, चूरू, बीकानेर, हनुमानगढ़, नागौर, अलवर, जैसलमेर, पाली, जोधपुर, झुंझुनूं, सीकर, टोंक, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ जिलों के लिए आॅरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में मौसम विभाग ने तेज सर्दी पड़ने के साथ-साथ शीतलहर चलने की आशंका जताई है। वहीं, 20 व 21 दिसंबर को भी इन शहरों में सर्द हवाएं चलने और तापमान कम रहने की चेतावनी जारी करते हुए यलो अलर्ट जारी किया है। 21 दिसंबर को बाद से मौसम में मामूली बदलाव देखने को मिलेगा और तापमान बढ़ने लगेगा।
मिट्टी पर जमी बर्फ
सूरतगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। आनंद विहार वसंत विहार कॉलोनी के पास शनिवार सुबह कड़ाके की ठंड की वजह से मिट्टी पर बर्फ जम गई। शनिवार रात को कड़ाके की ठंड की वजह से जमीन पर गिरी ओस बर्फ की तरह जम जाने से बर्फीले नजारे देखने के लिए सुबह घूमने आए लोग आश्चर्यचकित रह गए। पूर्व विधायक अशोक नागपाल ने बताया शुक्रवार की रात को कोहरे और कड़ाके की ठंड की वजह से खाली जमीन पर रेत में बर्फ जम गई इसके अलावा पत्तों पर भी बर्फ जमने सुबह घने कोहरे के कारण आसपास भी कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। रेलवे फाटक फोरलेन सड़क पर आने जाने वाले वाहनों को दुर्घटना से बचने के लिए लाइट जला कर धीरे धीरे चलना पड़ रहा था सामने से आने वाले वाहन भी दिखाई नहीं दे रहे थे।
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