हिसार (सच कहूँ न्यूज)। आपने बहुत कम सुना होगा कि कोई व्यक्ति 28 रुपये की उधारी 68 वर्ष बाद लौटाई हो। दरअसल हरियाणा में प्रथम नौसेना बहादुरी पुरस्कार से सम्मानित होने वाले `सेवानिवृति के बाद अपने सुपुत्र के पास रहने के लिए अमेरिका चले गए थे। गत दिवस वह हिसार के मोती बाजार स्थित दिल्ली वाला हलवाई के पास पहुंचे और उन्होंने विनय बंसल से कहा कि 1954 में मैंने तुम्हारे दादा शम्भू दयाल बंसल से 28 रुपये उधार लिए थे, लेकिन मुझे अचानक बाहर जाना पड़ गया और नौसेना में भर्ती हो गया।
उप्पल ने कहा कि आपकी दुकान पर मैं लस्सी में पेडे डालकर पीता था जिसकी कीमत 28 रुपये होती थी। नौकरी के दौरान मुझे हिसार आने का मौका नहीं मिला और रिटार्यमेंट होने के बाद मैं अमेरिका चला गया था। मुझे हमेशा 28 रुपये देन की बात याद आती थी। आपकी उधारी चुकाने के लिए विदेश से हिसार आया हूँ।
उप्पल ने 28 रुपये की उधारी कर्ज समेत चुकाई
उप्पल ने दुकान मालिक विनय बंसल को 10 हजार रुपये दिए, लेकिन दुकान मालिक ने लेने से मना कर दिया। तब उप्पल ने बार-बार आग्रह करने पर दुकान मालिक ने यह राशि स्वीकार कर ली। गौरतलब हैं कि उप्पल उस पनडुब्बी के कमांडर थे जिसने भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तान के जहाज को डूबा दिया था और अपनी पनडूब्बी को वापस सुरक्षित ले आए थे।
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