भारत एक कृषि प्रधान देश है, यहां पर अधिकांश लोग कृषि का कार्य करके अपना जीवन यापन करते है, इसके साथ ही भारत में बेरोजगारी एक प्रमुख समस्या है, जिससे वर्तमान समय में लगभग युवा वर्ग का ध्यान कृषि के प्रति आकर्षित हुआ है। सरकार भी युवाओं को कृषि में सहायता प्रदान करती है, यदि आप ग्रामीण परिवेश को अच्छे से समझते है, तो आप कृषि वैज्ञानिक के रूप में भारतीय कृषकों की सहायता कर सकते हैं और इसे एक अच्छे करियर के रूप में चुन सकते है।
कृषि वैज्ञानिक बनने के लिए आवश्यक योग्यता
कृषि वैज्ञानिक बनने के लिए आपको बाहरवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। इसके पश्चात आप बीएससी एग्रीकल्चर में प्रवेश ले सकते हैं इसमें आप एग्रीकल्चर, वेटनेरी साइंस, एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग, फॉरेस्ट्री, हॉर्टिकल्चर, फूड साइंस और होम साइंस में से किसी भी एक विषय में ले सकते हैं। सफलता पूर्वक डिग्री पूरी करने के बाद इसी क्षेत्र में परस्नातक कोर्स में प्रवेश ले सकते है, परास्नातक के बाद आप पी.एच.डी भी कर सकते हैं। पीएचडी के बाद आपके पास कृषि वैज्ञानिक बनने के लिए किसी अनुसन्धान केंद्र से जुड़ सकते है।
कृषि वैज्ञानिक बनने की प्रक्रिया:
यदि आप एक कृषि वैज्ञानिक बनना चाहते हैं, तो आप इसके लिए हाई स्कूल से ही तैयारी आरंभ कर दें, आपको हाई स्कूल में कृषि विज्ञान विषय लेना चाहिए, इसके बाद आप इंटर मीडियट कृषि विज्ञान से करें और अच्छे अंक प्राप्त करने का प्रयास करें। इंटर में अच्छे अंक प्राप्त करनें के बाद आप अपने नजदीकी कृषि विश्व विद्यालय में प्रवेश ले सकते हैं। इसके लिए आपको प्रवेश परीक्षा भी देनी पड़ सकती हैं। प्रवेश होने के पश्चात आप उन्हीं विषयों का चयन करें, जिसमें आपको अधिक रूचि हो, इसको सफलतापूर्वक करने के बाद आप उस विषय में स्नातक हो जायेंगे।
स्नातक करने के उपरांत आप परास्नातक में प्रवेश लें, यहां आप उसी विषय का चयन करें जिसमें आपको सबसे अधिक रूचि हो। इसको उत्तीर्ण होने में आपको दो वर्ष का समय लग जाएगा। इस परीक्षा में आपको 55 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है अन्यथा आप आगे की पढ़ाई में भाग नहीं ले पाएंगे। परास्नातक में 55 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के बाद आप नेट की परीक्षा के लिए आवदेन कर सकते हैं। इसके साथ ही आप अलग-अलग यूनिवर्सिटी के द्वारा पीएचडी कोर्स का संचालन किया जाता है, जिसमे आप आवेदन कर सकते हैं। पीएचडी में प्रवेश के लिए आपको प्रवेश परीक्षा में भाग लेना होगा, यदि आपके अच्छे अंक आते है, तो आपको पीएचडी के लिए प्रवेश दिया जायेगा अन्यथा नहीं, क्योंकि इसके सीटें अत्यधिक कम होती है।
पीएचडी में प्रवेश के उपरांत आपको किसी प्रोफेशर के अंतर्गत कर दिया जाएगा, आपको उन्हीं के देख-रेख में रिसर्च करनी होगी। रिसर्च सफल होने के बाद आपको एक अनुसंधान लेख को प्रकाशित करवाना होगा, जिसकी जांच कई वैज्ञानिकों द्वारा की जाएगी। यदि आप इनके परिक्षण में सफल होते हैं, तो आपको विश्व विद्यालय द्वारा पीएचडी की उपादि प्रदान की जाएगी।
पीएचडी की उपादि प्राप्त करने के उपरांत भारतीय अनुसन्धान केंद्र द्वारा निकाली गई सहायक वैज्ञानिकों के पद हेतु आवेदन कर सकते हैं। यदि आपका चयन हो जाता है, और आप अच्छा कार्य करते है, तो सरकार द्वारा कुछ वर्षो में आपको प्रोन्नति करके एक कृषि वैज्ञानिक का पद प्रदान कर दिया जायेगा।
कृषि वैज्ञानिक के लिए प्रमुख कोर्स-
- बीएससी एग्रीकल्चर
- बीएससी क्रॉप फिजियोलॉजी
- एमएससी एग्रीकल्चर
- एमएससी (एग्रीकल्चर बॉटनी/बायोलॉजिकल साइंसेज )
- एमबीए इन अग्रि-बिजनेस मैनेजमेंट
- डिप्लोमा इन फूड प्रोसेसिंग
- डिप्लोमा कोर्स इन एग्रीकल्चर व अलाइड प्रैक्टिसेज
- सर्टिफिकेट कोर्सेज इन एग्रीकल्चर (एक वर्षीय)
- सर्टिफिकेट इन एग्रीकल्चर साइंस
- सर्टिफिकेट कोर्सेज इन फूड एंड बेवरीज सर्विस
- सर्टिफिकेट कोर्स इन बायो-फर्टिलाइजर प्रोडक्शन
- डिप्लोमा कोर्सेज इन एग्रीकल्चर (2 वर्षीय)
- डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर
- डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एंड अलाइड प्रैक्टिसेज
- डिप्लोमा इन फूड प्रोसेसिंग
- बैचलर कोर्सेज इन एग्रीकल्चर (तीन वर्षीय)
- बैचलर आॅफ साइंस इन एग्रीकल्चर
- बैचलर आॅफ साइंस (आॅनर) इन एग्रीकल्चर
- बैचलर आॅफ साइंस इन क्रॉप फिजियोलॉजी मास्टर कोर्सेज इन एग्रीकल्चर (2 वर्षीय)
- मास्टर आॅफ साइंस इन एग्रीकल्चर
- मास्टर आॅफ साइंस इन बायोलॉजिकल साइंसेज
- मास्टर आॅफ साइंस इन एग्रीकल्चर बॉटनी डाक्टरल कोर्सेज इन एग्रीकल्चर (3 वर्षीय)
- डॉक्टर आॅफ फिलोसॉफी इन एग्रीकल्चर
- डॉक्टर आॅफ फिलोसॉफी इन एग्रीकल्चर बायोटेक्नोलॉजी
- डॉक्टर आॅफ फिलोसॉफी इन एग्रीकल्चरल एंटोमोलॉजी
कुछ प्रमुख कृषि विश्वविद्यालय:
- आचार्य एन.जी. रंगा कृषि विश्वविद्यालय, (ए.एन.जी.आर.ए.यू.), हैदराबाद, आंध्र प्रदेश
- कृषि विश्वविद्यालय, उदयपुर
- आणन्द, कृषि विश्वविद्यालय, आणन्द, गुजरात
- केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय (सी.ए.यू.), इम्फाल, मणिपुर
- केन्द्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुंबई
- डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी (आई.एस.पी.यू.एच. एंड ई.), हिमाचल प्रदेश
- गोविंद वल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जी.वी.पी.ए.यू. एवं टी) पंतनगर, उत्तर प्रदेश
- गुजरात कृषि विश्वविद्यालय, सरदार कृषि नगर दांतीबाड़ा (बनासकांठा)
- भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली
- भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर
- इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (आई.जी.के.वी.वी.), कृषकनगर, रायपुर
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।