न ही रेत सस्ती हुई और न ही बिजली रेट हुए कम, नौकरियों में भी नहीं मिला आरक्षण
सच कहूँ /अश्वनी चावला, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनावों से पहले पंजाब की जनता को लुभाने के लिए अपनी सरकार के इन सिर्फ 65 दिनों दौरान ही मुख्य मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने एक के बाद एक कुल 12 कैबिनेट मीटिंगें करते हुए 85 से ज्यादा फैसले लेकर हर किसी को हैरान कर दिया। इन 85 फैसलों में कई फैसले काफी ज्यादा बड़े भी बताए गए और खुद मुख्य मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने उन फैसलों संबंधी बड़े स्तर पर प्रचार भी किया परन्तु हैरानीवाली बात तो यह है कि इन 85 फैसलों में से अब तक सिर्फ 8-9 फैसले ही लागू हुए हैं, जबकि 77 करीब फैसले आज भी लागू होने के इन्तजार में हैं। लागू हुए 8-9 फैसलों में भी 5 फैसले ऐसे हैं, जिनको तुरंत लागू करना सरकार की मजबूरी थी। बाकी रहते 77 कैबिनेट के फैसले अधिकारियों की तरफ से लागू करने में देरी की जा रही है और कोई विभागीय अधिकारी इस सम्बन्धित जानकारी देने को भी तैयार नहीं है कि आखिरकार 77 के करीब फैसलों को लागू क्यों नहीं किया जा रहा है।
जिस कारण चरनजीत सिंह चन्नी पर ही विपक्ष के साथ ही अपनी ही पार्टी के नेता अंगुली तक उठानी शुरू कर चुके हैं। इन लागू नहीं होने वाले फैसलों में रेत सस्ती करने और बिजली के रेट घटाने वाला फैसला भी शामिल है, जिसे लेकर पंजाब सरकार और मुख्य मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने प्रचार तो काफी ज्यादा किया परन्तु इन फैसलों को लागू करवाने में वह असफल साबित हो रहे हैं। यहां ही पंजाब में नौकरियों के आरक्षण वाला फैसला भी शामिल है। जानकारी के अनुसार चरनजीत सिंह चन्नी ने 19 सितम्बर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के बाद उसी रात पहली कैबिनेट मीटिंग करते हुए उसी दिन से फैसले लेने शुरू कर दिए थे। चरनजीत सिंह चन्नी अपनी सरकार के 4 महीनों के कार्यकाल दौरान ही बड़े फैसले लेते हुए पंजाब के लोगों को विधानसभा चुनावों से पहले खुश करना चाहते हैं। जिस कारण ही हर कैबिनेट में उनकी तरफ से कोई न कोई बड़ा ऐलान किया जाता रहा है।
नवजोत सिद्धू भी घेर रहे हैं सरकार को
कैबिनेट मीटिंगों में फैसले लेने के बाद उनको लागू नहीं करने पर कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू भी लगातार पंजाब सरकार को घेरने में लगे हुए हैं। नवजोत सिद्धू की तरफ से सार्वजनिक मंच से भी बार-बार सवाल करते हुए पूछा जा रहा है कि जो फैसले कैबिनेट मीटिंग में लिए जा रहे हैं, उनको लागू क्यों नहीं किया जा रहा है। नवजोत सिद्धू की तरफ से बार-बार सवाल करने के बावजूद भी पंजाब सरकार के अधिकारी कैबिनेट के फैसलों को लागू करने में कोई तेजी नहीं दिखा रहे हैं।
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