हड़ताल हमारा शौक नहीं बल्कि मजबूरी है : नेता
सच कहूँ/जसवीर सिंह गहल, बरनाला। राष्ट्रीय सेहत मिशन के अंतर्गत सेहत विभाग पंजाब में काम करते समूह कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। इस दौरान जिले भर के स्वास्थय कर्मचारियों ने शहर में रोष मार्च कर चन्नी सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते सरकार के वायदों की गठरी फूँकी। हड़ताल पर चल रहे ठेका आधारित डॉक्टर, स्टाफ नर्सें, कम्युनिटी हैल्थ अधिकारी, एनएचएम, दफ़्तरी कर्मचारी, फार्मासिस्ट आदि द्वारा शामिल होकर कर्मचारियों को रेगुलर करने की मांग की गई।
एनएचएम इम्प्लॉईज यूनियन के जिला नेता कमलजीत कौर पत्ती, सन्दीप कौर सीएचओ, हरजीत सिंह, विपन कुमार, गुरदीप सिंह, नवदीप सिंह और सुखपाल सिंह आदि ने कहा कि हड़ताल उनका शौक नहीं बल्कि मजबूरी है क्योंकि वह पिछले कई सालों से कम तनख्वाहों पर काम कर रहे हैं और पंजाब सरकार उनकी मांगों को लगातार अनदेखा कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्य मंत्री पंजाब मीडिया में तो बेशक समूह कच्चे कर्मचारियों को पक्के करने का दावा करते हैं परन्तु वास्तविकता कुछ और ही है, जिससे साबित होता है कि चन्नी सरकार ‘बहाने बाजी करने वाली सरकार’ है, जिसके बहानों की आज समूह कच्चे कर्मचारियों ने गठरी फूँकी। नेताओं ने कहा कि कच्चे कर्मचारियों को पक्के करने के लिए पंजाब विधानसभा में पास किया एक्ट कुछ भी साफ नहीं करता है, जिस संबंधी सरकार को उस एक्ट बारे स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्होंने बताया कि देश के बहुत से राज्यों में एनएचएम कर्मचारी रेगुलर किये गए हैं और हरियाणा जैसे कुछ राज्य एनएचएम कर्मचारियों को रेगुलर कर्मचारियों के बराबर तनख्वाहें और भत्ता दे रहे हैं और पंजाब की सरकार एनएचएम कर्मचारियों को न ही रेगुलर कर रही है और न ही बराबर तनख़्वाह दे रही है, जिस कारण समूह कच्चे कर्मचारियों में रोष है।
राष्ट्रीय स्वास्थय मिशन के कर्मचारियों ने बताया कि सरकारों की तरफ से मंत्रियों, विधायकों, पार्लियामेंट सदस्यों की तनख्वाहें भत्ते तो लगातार बढ़ाए जा रहे हैं परन्तु ठेका अधारित कच्चे कर्मचारियों को सिर्फ बहाने दिए जा रहे हैं, जिसको अब पंजाब के कच्चे कामगार बरदाश्त नहीं करेंगे। स्वास्थय विभाग के रेगुलर कर्मचारियों की समूह संगठनों और किसान संगठनों द्वारा एनएचएम कर्मचारियों के संघर्ष को समर्थन देने का ऐलान किया गया है। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की कि सेहत विभाग के समूह कच्चे कर्मचारियों को पूरे पे-स्केलों के अंतर्गत रेगुलर किया जाये। इस मौके रुपिन्दर कौर, वीरपाल कौर, नरेश कुमारी, वरिन्दर कौर, बिकी, सुखविन्दर सिंह और नरिन्दर पाल सहित अन्य उपस्थित थे।
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