नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। दिल्ली सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि वह राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण कम करने के लिए पूरी तरह से लॉकडाउन लगाने को तैयार है। दिल्ली सरकार की ओर से 26 पन्नों के हलफनामे में प्रदूषण कम करने और पर्यावरण की रक्षा के लिए किए जा रहे उपायों की जानकारी दी गई है। सरकार ने उच्चतम न्यायालय के 13 नवंबर के आदेश का पालन करते हुए सभी स्कूलों को एक सप्ताह के लिए बंद करने समेत अब तक किए गए अन्य उपायों की विस्तार से जानकारी दी है। सरकार ने हवा साफ करने के लिए कनॉट प्लेस इलाके में आधुनिक संयंत्र लगाने की जानकारी दी है पर्यावरण की रक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने की जानकारी भी दी है।
राजधानी में 74 फीसदी प्रदूषण उद्योग इकाइयों वाहनों से
उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ शनिवार को प्रदूषण की स्थिति को गंभीर बताते हुए तत्काल उपाय करने के आदेश दिए थे। अदालत ने ऐसे उपाय करने को कहा था कि अगले तो दो-तीन दिनों में प्रदूषण कम हो। दिल्ली सरकार ने कहा है कि अदालती आदेश पर किए गए तत्कालिक उपायों से प्रदूषण में कमी आई है और अनुमान है कि अगले दो-तीन दिनों में इसमें और कमी आ सकती है। सरकार ने कहा है कि राजधानी में 74 फीसदी प्रदूषण उद्योग इकाइयों वाहनों और धूल के कारण होते हैं। स्कूली छात्र आदित्य दुबे की याचिका पर अदालत ने सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार
राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण पिछले कुछ दिनों से एक अहम मुद्दा बना हुआ है और सोमवार सुबह इसमें मामूली सुधार देखा गया लेकिन वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रही। इस दौरान पूरे शहर की वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 318 दर्ज किया गया जबकि रविवार सुबह यह 386 दर्ज किया गया था। वायु गुणवत्ता, मौसम पूवार्नुमान एवं अनुसंधान प्रणाली (सफर) के मुताबिक, वायु गुणवत्ता सूचकांक आज ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया है और अगले दो दिनों में इसमें सुधार होने की संभावना है क्योंकि परिवहन स्तर पर हवाएं धीमी गति से बह रही हैं जिसके परिणामस्वरूप पराली जलाने संबंधित प्रदूषक दिल्ली में कम फैल रहे हैं।
हवाओं के धीमे बहने की वजह से प्रदूषण का प्रसार कम
एजेंसी ने कहा कि हवाओं के धीमे बहने की वजह से प्रदूषण का प्रसार कम हो रहा है। इसके परिणामस्वरूप वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बरकरार है। कल लगभग 3445 खेतों में पराली जलाए गए हैं, जिसका दिल्ली के पीएम 2.5 में योगदान 12 फीसदी है। सफर ने बताया कि आज सुबह छह बजे 10 और 2.5 माइक्रोन के व्यास वाले पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) की सांद्रता क्रमश: 267 और 143 थी, दोनों ‘बेहद खराब’ और ‘खराब’ श्रेणी में आते हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक आनंद विहार में 382, बवाना में 381, चांदनी चौक में 335, द्वारका सेक्टर 8 में 352, दिलशाद गार्डन (आईएचबीएएस) में 315 और पंजाबी बाग में 373 दर्ज किया गया। ये सभी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में हैं। इनके अलावा, नजफगढ़, आरके पुरम और पूसा में वायु गुणवत्ता सूचकांक क्रमश: 291, 292 और 298 दर्ज किया गया है, जो ‘खराब’ श्रेणी के तहत आते हैं।
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