ब्लॉक महल कलां और न्यूजीलैंड की साध-संगत का रहा भारी सहयोग
सच कहूँ/जसवीर सिंह गहल, बरनाला। दिव्यांग विधवा बलविन्दर कौर और उसके बेटों की अब बारिश में अपने घर में से पानी टपकने की चिंता बिल्कुल खत्म हो गई है क्योंकि डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं ने पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते उक्त परिवार के खस्ताहालत मकान को कुछ घंटों में नयी और स्वस्थ दिशा प्रदान की है। जिला बरनाला के ब्लॉक महल कलां अधीन आते गांव सहजिड़ा की बलविन्दर कौर खुद भी दिव्यांग है और उसके दो पुत्र गुरजंट सिंह और विशाल सिंह भी मानसिक तौर पर परेशान हैं।
बलविन्दर कौर के पति चमकौर सिंह की कई साल पहले मौत हो चुकी है, जिस कारण वह अपने घर के गुजारे के लिए एक निजी स्कूल में सफाई और चाय -पानी आदि बनाने का काम कर अपने बेटों की संभाल करती है। बलविन्दर कौर के मुताबिक आसमान में बादल छा जाने से ही उसकी चिंताएं भी बढ़ जातीं थी क्योंकि उसका पहले ही खस्ताहालत मकान की आधी छत गिर चुकी थी। ऊपर से मन्दबुद्धि अपने दोनों बेटों को संभालना खुद की अपेक्षा भी कठिन है, क्योंकि दोनों बच्चों का पता नहीं कि उसकी कुछ पल की गैरहाजिरी में किस समय पर किधर को चले जाएं। जिनको ढूँढ ढूँढ कर लाना पड़ता है परन्तु आज से दिव्यांग बलविन्दर कौर की अपने खस्ता हालत मकान की चिंता खत्म हो गई हैं क्योंकि डेरा सच्चा सौदा की इकाई ब्लॉक महल कलां के डेरा श्रद्धालुओं ने पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते ब्लॉक और न्यूजीलैंड की साध-संगत के सहयोग से बलविन्दर कौर के खस्ताहालत मकान को नये सिरे से बनाकर कुछ घंटों में ही एक नया और स्वस्थ रूप दे दिया है।
डेरा श्रद्धालुओं के इस प्रशंसनीय प्रयास को बलविन्दर कौर प्रशंसा किए नहीं थक रही और न ही उसके पास से अपने नये मकान का उत्साह उठाया जा रहा है। इस मौके हजूरा सिंह इन्सां ब्लॉक भंगीदास महल कलां, गुरमुक्ख सिंह इन्सां, मा. पूरन सिंह इन्सां, नाथ सिंह इन्सां, झलौर सिंह इन्सां, गुरचरन सिंह इन्सां, हैपी इन्सां, जसविन्दर सिंह इन्सां, बलविन्दर इन्सां, भंगीदास सहजड़ा चमकौर इन्सां, मा. भोला सिंह इन्सां, चेतन इन्सां, गुरमेल इन्सां, मंगतू इन्सां, प्रकाश इन्सां, भंगीदास केवल इन्सां, भंगीदास करनैल इन्सां, गुरजिन्दर कौर इन्सां, जरनैल कौर इन्सां, जसविन्दर कौर इन्सां, मनदीप कौर इन्सां आदि जिमेवार भी उपस्थित थे।
सेवादारों ने परिवार का एक रूपया भी लगने नहीं दिया
डेरा श्रद्धालुओं के उक्त कार्य की प्रशंसा करते डॉ. सतविन्दर सिंह कलाल माजरा ने बताया कि सबंधित परिवार के हालात बेहद बुरे हैं, जिस कारण इनका गुजारा मुश्किल के साथ ही चल रहा है। जिसकी मदद कर डेरा श्रद्धालुओं ने बहुत बड़े पुण्य का काम किया है। उन्होंने बताया कि डेरा श्रद्धालुओं ने परिवार से मकान बनाने के लिए एक रूपया भी नहीं लिया, चाय- लंगर आदि का खर्च भी खुद ही किया है जो बेहद काबिल-ए- तारीफ प्रयास है।
व्रत रखकर बचाए पैसों से किए जाते हैं भलाई कार्य : डेरा श्रद्धालु
ब्लॉक महल कलां के ब्लॉक भंगीदास हजूरा सिंह इन्सां ने बताया कि जरूरतमंद बलविन्दर कौर ने अपने मकान की हालत सुधारने के लिए जिम्मेवारों तक पहुँच की थी, जिसके बाद समूह जिम्मेवारों की सहमति उपरांत पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते न्यूजीलैंड और ब्लॉक महल कलां की साध-संगत के सहयोग से आज बलविन्दर कौर के मकान को नये सिरे से बनाया गया है। उन्होंने बताया कि ऐसे भलाई कार्यों पर होने वाला खर्च साध-संगत अपनी जेब से करती है, जिसको वह पूज्य गुरू जी के वचनों मुताबिक हफ़्ते में एक दिन का व्रत रखकर इकट्ठा करने के बाद भलाई कार्यों पर खर्च करती है। उन्होंने बताया कि यही नहीं साध-संगत की ओर से पूज्य गुरू जी के योग्य नेतृत्व में कुल 135 भलाई कार्य किये जा रहे हैं, जिनमें मकान बना कर देना, राशन बांटना, गरीब परिवारों की विवाहों और इलाज में मदद करना, शरीरदान, आँखें और खून दान करना आदि काम मुख्य हैं। उन्होंने बताया कि साध-संगत की ओर से अब तक कुल 44 जरूरतमंदों के मकान बना कर दिए जा चुके हैं।
फरिश्तों से कम नहीं डेरा श्रद्धालु : बलविन्द्र कौर
दिव्यांग बलविन्दर कौर ने बताया कि पति की मौत, दोनों बेटों की दिमागी हालत ठीक न होना और ऊपर से गरीबी के कारण उनकी आर्थिक हालत बेहद खराब हो चुकी थी। इसी कारण ही वह अपने खस्ताहालत मकान की मुरम्मत करवाने के भी योग्य नहीं थे। परन्तु धन्य हैं डेरा सच्चा सौदा के प्रेमी जिन्होंने उसकी छोटी सी अपील पर ही उनके मकान को नये सिरे से बना कर दिया है। उन्होंने बताया कि डेरा श्रद्धालुओं की तरफ से उनको राशन भी दिया जा रहा है, जिससे उनके घर का चूल्हा चल रहा है। उन्होंने पूज्य गुरू जी और समूह साध-संगत का तहदिल से धन्यवाद करते कहा कि साध-संगत उनके परिवार के लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं है, जिन्होंने कुछ घंटों में उसे नयी और स्वस्थ छत दे दी है।
मकान बनाने में इन सेवादारों का रहा कीमती योगदान
मकान बनाने मौके तारा सिंह इन्सां, हरदीप सिंह इन्सां, बेअंत सिंह इन्सां, गुरजंट सिंह इन्सां, धन्ना सिंह इन्सां, धर्मपाल इन्सां आदि ने मिस्त्रियों के तौर पर बिना किसी स्वार्थ के इंसानियत नाते अपना कीमती योगदान दिया। इस मौके साध-संगत ने भी भव्य सहयोग दिया।
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