नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। मुंबई के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े अपने जाति दस्तावेज पेश करने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष से मिलने के बाद एनसीबी मुख्यालय पहुंचे। एक हफ्ते के भीतर वानखेड़े दूसरी बाद एनसीबी मुख्यालय पहुंचे। इससे पहले वह रिश्वत के आरोपों के बीच 26 अक्टूबर को यहां आये थे , जिसके बाद उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम ने 27 अक्टूबर को मुंबई का दौरा किया था और रिश्वत के दावे की जांच की थी। वहीं नवाब मलिक ने कहा, ‘समीर वानखेड़े की शर्ट 70 हजार रुपये तक की क्यों होती है। किसी भी अधिकारी की शर्ट 500 या 1000 रुपये से ज्यादा की नहीं होती है। यहां तक कि घड़ी भी 50 लाख रुपये तक की होती है।’
एक हफ्ते में दूसरी बार एनसीबी मुख्यालय पहुंचे समीर वानखेड़े
माना जा रहा था कि वानखेड़े का दूसरी बार एनसीबी मुख्यालय इसी जांच से जुड़ा है। वानखेड़े ड्रग्स क्रूज मामले की जांच का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा के साथ गत तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। तीनों अभी जमानत पर बाहर हैं। एनसीबी ने पिछले हफ्ते आर्यन को रिहा करने के लिए वानखेड़े सहित कुछ एनसीबी अधिकारियों से 25 करोड़ रुपये की जबरन वसूली से संबंधित एक गवाह द्वारा किए गए दावे की सतर्कता जांच की थी।
दामाद के चलते आरोप लगाने से किया इनकार, कहा- उसे फंसाया गया
नवाब मलिक ने अपने दामाद के बचाव में आरोप लगाए जाने की बातों को भी खारिज किया। एनसीपी लीडर ने कहा कि यह कहना कि वानखेड़े पर दबाव इसलिए बना रहा हूं कि दामाद का केस हल्का हो जाए। मैंने साढ़े 8 महीने तक इस मामले में कुछ नहीं कहा। लेकिन कोर्ट ने 13 अक्टूबर को उसे जमानत दी। अदालत के फैसले से साफ है कि उसे फंसाया गया।
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