पटना (एजेंसी)। बिहार की राजधानी पटना में वर्ष 2013 में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान ऐतिहासिक गांधी मैदान और पटना जंक्शन पर हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने आज चार दोषियों को फांसी, दो को सश्रम आजीवन कारावास तथा दो अभियुक्त का दस वर्ष के सश्रम कारावास एवं एक अभियुक्त को सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत में इस मामले में दोषी करार दिये गये नौ अभियुक्तों को पटना के बेऊर जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच लाकर आज सुबह पेश किया गया। न्यायालय का कार्य शुरू होते ही अदालत ने सजा के बिंदु पर दोनों पक्षों की दलील सुनी। एनआईए के विशेष लोक अभियोजक ललन प्रसाद सिन्हा ने दोषियों के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग की जबकि बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सैयद इमरान गनी ने मामले की परिस्थितियों और अभियुक्तों की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति का हवाला देते हुए सजा में नरमी बरतने और कम से कम सजा दिये जाने का अनुरोध किया । अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सजा के लिए द्वितीय पाली का समय निश्चित किया। शाम चार बजे अदालत ने फिर से कार्रवाई शुरू की और दोषियों को सजा सुनाई।
क्या है मामला
बाद में मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई थी। इस मामले में एनआईए ने पहला आरोप-पत्र 22 अप्रैल 2014 को अभियुक्त इम्तियाज के खिलाफ दायर किया था। बाद में पूरक आरोप-पत्र 10 आरोपितों के खिलाफ 22 अगस्त 2014 को दाखिल किया गया था, जिसमें से एक आरोपित किशोर का ट्रायल किशोर न्यायालय पटना के द्वारा किया गया था।
यह संयोग ही है कि घटना 27 अक्टूबर 2013 की थी और पूरे आठ वर्ष बाद 27 अक्टूबर 2021 को इस मामले का फैसला आया। मामले की सुनवाई के दौरान कड़ी सुरक्षा के बीच हो रही अदालती कार्यवाही में अपना मुकदमा साबित करने के लिए एनआईए ने कुल 187 गवाह पेश किये थे।
इस मामले के पांच अभियुक्त हैदर अली, इम्तियाज अंसारी, मुजीबुल्लाह, उमर सिद्धकी और अजहरुद्दीन कुरैशी को एनआईए की इसी अदालत से वर्ष 2018 में बिहार के बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर में हुए चर्चित सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में उम्र कैद की सजा हो चुकी है।
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