ट्रांसपोर्ट विभाग ने रद्द किये ‘गैर कानूनी परमिट’, बादलों को हुआ बड़ा नुक्सान
सच कहूँ/अश्वनी चावला, चंडीगढ़। ट्रांसपोर्ट माफिया की गर्दन तक ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरेन्द्र सिंह राजा वड़िंग के हाथ पहुंच ही गए हैं। राजा वड़िंग के एक इशारे पर पंजाब की सड़कों से 1 लाख किलोमीटर तक का सफर माफिया से हाथों छीन लिया गया है, जिससे सबसे ज्यादा नुक्सान बादलों की कई ट्रांसपोर्ट कंपनियों को हुआ है, क्योंकि इस 1 लाख किलोमीटर के सफर में 35 से 40 प्रतिशत हिस्सा बादलों की ट्रांसपोर्ट कंपनियों के हाथों में ही था। पंजाब ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा इन्हें गैर कानूनी परमिट करार देते हुए यह कार्रवाई की गई है, जिसके बाद लाखों रूपयों का नुक्सान अब इन प्राईवेट कंपनियों को होगा तो सीधे तौर पर पंजाब सरकार की सरकारी बसों को इसका फायदा होगा।
जानकारी के अनुसार पंजाब में चल रही प्राईवेट बस कंपनियों को परमिट पर कुछ किलोमीटर का विस्तार लेने का अधिकार है। पंजाब में सारी प्राईवेट कंपनियों ने इस अधिकार का प्रयोग करते हुए एक शहर से दूसरे शहर तक कुछ किलोमीटर का विस्तार लिया हुआ था परन्तु पूर्व अकाली-भाजपा की सरकार दौरान बादल परिवार से संबंधित कंपनियों ने हर रूट के पीछे इस अधिकार की एक बार नहीं बल्कि दर्जन भर बार इस्तेमाल करते हुए छोटे से रूट को ही बढ़ाकर बड़ा रूट बना लिया था। एक से ज्यादा वृद्धि लेने के चलते 600 प्राईवेट बसों ने गैर कानूनी परमिट अपने पास लिए हुए थे, जिसमें 35 से 40 प्रतिशत बसें सिर्फ बादल परिवार की संबंधित कंपनियों की पाई गई हैं।
पंजाब के ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरेन्द्र सिंह राजा वड़िंग ने इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए थे तब पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के एक पुराने आदेश को आधार बना कर ट्रांसपोर्ट विभाग ने बीते दिनों कार्रवाई कर दी है। जिसके बाद अब उक्त कंपनियों को हर महीने करोड़ों रुपए का घाटा पड़ने के आसार पैदा हो गए हैं तो इसका सीधे तौर पर पंजाब सरकार की सरकारी बसों को फायदा मिलने जा रहा है, क्योंकि अब 1 लाख किलोमीटर पर सरकारी बसों को ज्यादा सवारियां मिलने से आमदनी में फायदा मिलेगा।
15 सालों में जो नहीं हुआ, आज करके दिखाया: राजा वड़िंग
कैबिनेट मंत्री अमरेन्द्र सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि जो काम पिछले 15 सालों में नहीं हुआ है। वह उन्होंने सिर्फ 15 दिनों में ही करके दिखा दिया है। उन्होंने कहा कि प्राईवेट बसों के यह गैर कानूनी परमिट देखकर हाईकोर्ट भी हैरान थी और कुछ सालों पहले हाईकोर्ट द्वारा इन गैर कानूनी वृद्धि वाले परमिट को रद्द करने के आदेश जारी कर दिए थे परन्तु अकाली-भाजपा सरकार के बाद अमरेन्द्र सिंह की सरकार में भी कार्यवाही नहीं की गई। अब अमरेंद्र सिंह को कैप्टन पद से उतारे जाने के बाद जब ट्रांसपोर्ट विभाग की कमान उनके हाथ में आई है तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई करने के आदेश दिए थे, जिसके चलते 1 लाख किलोमीटर तक का सफर प्राईवेट माफिया के हाथों में से छीन कर सरकारी बसों को दे दिया गया है।
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