पूज्य गुरु जी नहीं जाएंगे फरीदकोट, एसआईटी टीम को सुनारिया जाने का आदेश

Punjab and Haryana High Court sachkahoon

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

सच कहूँ/अश्वनी चावला
चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा के पूजनीय गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को प्रॉडक्शन वारंट पर फरीदकोट अदालत में नहीं लाया जा सकता है। यदि किसी भी तरह की पूछताछ करनी भी है तो पंजाब पुलिस की स्पैशल जांच टीम (एसआईटी) को सुनारिया ही जाना पड़ेगा। इसके साथ ही फरीदकोट अदालत की तरफ से जारी किए गए प्रोडक्शन वारंट जो एक दिन के लिए ही होते हैं, खत्म हो गए हैं। डेरा सच्चा सौदा की तरफ से वकील कणिका अहूजा ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए बताया कि हाई कोर्ट में वह दो मामले ले कर गए थे, जिन की सुनवाई माननीय जस्टिस मनोज बजाज की अदालत में हुई। लगभग 4-5 घंटों की सुनवाई और बहस दौरान यह पक्ष रखा गया था कि यह मामला 6 साल पुराना है और इसकी एफआईआर में 6 जुलाई 2020 को पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का नाम डाला गया। जो कि पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है, परन्तु फिर भी जांच टीम ने किसी भी तरह की पूछ पड़ताल करनी है तो इसके लिए हम पूरी तरह से तैयार, लेकिन पूूछताछ सुनारिया में जाकर ही की जा सकती है। कणिका अहूजा ने बताया कि माननीय हाईकोर्ट में यह भी बताया गया कि यदि पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को फरीदकोट लेकर आया जाता है तो उनकी सुरक्षा का भी मामला है। इन सभी चीजों को देखते हुए सिर्फ सुनारियां में ही पूछताछ करने की इजाजत दी जाए।

इस पर माननीय हाई कोर्ट के जस्टिस की तरफ से उनकी दलीलों को मानते हुए पंजाब पुलिस को आदेश दिए हैं कि वह पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को फरीदकोट नहीं लेकर आ सकते हैं, यदि उन्हें कुछ पूछताछ करनी है तो वह खुद सुनारियां जा सकते हैं। कणिका अहूजा ने बताया कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस मनोज बजाज की तरफ से अग्रिम जमानत बारे फिलहाल कुछ नहीं कहा गया। इसलिए अगले दिनों में फैसले की विस्तारपूर्वक जानकारी आने के बाद स्थिति साफ हो जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रोडक्शन वारंट कल को खत्म हो जाएंगे और उनकी अब कोई मान्यता नहीं रहेगी। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में डेरा सच्चा सौदा की तरफ से कणिका अहूजा के इलावा एडवोकेट विनोद घई, एडवोकेट गुरदास सलवारा और एडवोकेट जितेन्द्र खुराना पेश हुए थे।

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