नीट-पीजी काउंसलिंग पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

Supreme-Court Sachkahoon

सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को दिया निर्देष

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। उच्चतम न्यायालय ने मेडिकल कॉलेजों में एमएस और एमडी कक्षाओं के लिए आयोजित ‘नीट-पीजी’ की काउंसलिंग पर सोमवार को रोक लगा दी। न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता की गुजारिश पर केंद्र सरकार को काउंसलिंग रोकने का आदेश दिया। पीठ ने केंद्र से कहा है कि वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) तथा आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) वर्ग को परिभाषित करने के मामले में फैसला आने तक ‘नीट-पीजी’ की काउंसलिंग स्थगित रखे। शीर्ष अदालत ने ईडब्ल्यूएस वर्ग का आरक्षण के लाभ के लिए आठ लाख रुपये की वार्षिक आय को आधार बनाने पर केंद्र सरकार से सवाल खड़ा किए हैं। पीठ ने पूछा है कि ईडब्ल्यूएस के लिए आठ लाख रुपए का आधार किस तरह से तय किया गया है। उच्चतम न्यायालय ने 07 अक्टूबर की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से पूछा था कि आरक्षण के लिए आठ लाख रुपए की सीमा तय करने का आधार क्या है। सरकार ने आधार तय करने के लिए कौन-कौन से बिंदुओं पर गौर किया, हलफनामा के जरिए 21 अक्टूबर तक विस्तृत विवरण अदालत के समक्ष पेश करे।

इस बीच शीर्ष अदालत के समक्ष आज विशेष उल्लेख के तहत याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील अरविंद दतार ने कहा कि नीट-पीजी के लिए 24 अक्टूबर से शुरू काउंसलिंग 29 अक्टूबर को समाप्त होगी। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि आरक्षण देने के आधार का मामला इस अदालत के समक्ष लंबित है। अदालती कार्रवाई के बीच काउंसलिंग क्यों की जा रही है। इस पर रोक लगाई जाए। पीठ ने याचिकाकर्ता की मांग स्वीकार करते हुए काउंसलिंग पर रोक लगाने का आदेश केंद्र सरकार को दिया।

ओबीसी को 27 फीसदी मामले को लेकर 28 अक्तूबर को होगी सुनवाई

उच्चतम न्यायालय मेडिकल कॉलेजों में ऑल इंडिया कोटा के तहत ओबीसी को 27 फीसदी और ईडब्ल्यूएस को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने की वैधता पर 28 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। शीर्ष अदालत ने 21 अक्टूबर को केंद्र सरकार से सवाल किया था कि वह ओबीसी के लिए क्रीमी लेयर के आठ लाख वार्षिक आय की तय सीमा को ईडब्ल्यूएस पर भी किस प्रकार से लागू किया है। आधार क्या है।

अदालत ने सुनवाई के दौरान पीठ के समक्ष सरकार का पक्ष रख रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल नटराज को हलफनामा दाखिल कर विवरण देने का आदेश दिया था।

क्या है मामला

शीर्ष अदालत ने 07 अक्टूबर को केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि वह हलफनामा दाखिल बताएं कि ईडब्ल्यूएस के लिए आठ लाख रुपए तय करने का आधार निर्धारित करने का तरीका क्या अपनाया। लेकिन अगली सुनवाई 21 अक्टूबर तक जवाब दाखिल नहीं किया गया। इस पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त की थी। मेडिकल कॉलेजों में एमएस और एमडी की कक्षाओं में 50 फीसदी सीटें ऑल इंडिया कोटे के तहत नीट पीजी के माध्यम से भरने का सरकार ने फैसला लिया था। इस संबंध में केंद्र सरकार ने 29 जुलाई को एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें ओबीसी को 27 फीसदी के साथ-साथ ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही गई है।

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