सोहना में खल रहा लड़कियों के लिए कॉलेज का अभाव
-
लाडो पंचायत में बेटियों ने भरी हुंकार
-
देश की दूसरी लाडो पंचायत में 11 सदस्यीय कमेटी ने पास किए कई प्रस्ताव
सच कहूँ/संजय मेहरा, गुरुग्राम। गुरुग्राम के सोहना क्षेत्र में हुई देश की दूसरी लाडो पंचायत में यह बात सामने आई है कि लड़कियों के लिए अलग से कॉलेज नहीं होने पर उनकी पढ़ाई पूरी नहीं हो पा रही। वे पढ़-लिखकर अपने सपनों को पूरा नहीं कर पा रही। यहां तक कि 12वीं कक्षा पास करते ही क्षेत्र की 80 फीसदी लड़कियों की शादी कर दी जाती हैं। फिर बच्चों की परवरिश और परिवार की देखभाल में ही उनका जीवन निकल जाता है।
जिले के बाल विवाह का केन्द्र बने सोहना ब्लॉक के गांव अभयपुर में वीरवार को हुई देश की दूसरी लाडो पंचायत में लड़कियों ने खुलकर कहा कि वे यह नहीं सोचती कि उनकी शादी ना हो या वे ससुराल में परिवार की देखभाल ना करें। यह सब हो, लेकिन पहले उनके सपने पूरे होने चाहिए। उनकी पढ़ाई पूरी होनी चाहिए। वे जो बनने चाहती हैं वह मुकाम हासिल करने का मौका मिलना चाहिए। यह कड़वा सच है कि यहां 12वीं पास करते ही लड़कियों की शादियां कर दी जाती हैं।
कॉलेज न खुला तो जनप्रतिनिधियों का होगा बहिष्कार
लाडो पंचायत में लड़कियों ने सरकार से संवैधानिक तौर पर लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 साल करने की पुरजोर मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर उनके क्षेत्र में लड़कियों के लिए सरकारी कॉलेज नहीं खुला तो वे जनप्रतिनिधियों का बहिष्कार करना शुरू कर देंगी।
इस लाडो पंचायत में 11 सदस्यीय कमेटी ने प्रस्ताव पास किये। जिसमें कम उम्र में शादी करने पर लड़की के माता-पिता व शादी में शामिल होने वालों को तीन साल जेल का प्रावधान तथा 5 लाख रुपये जुर्माना लगाने, कम उम्र में शादी करवाने वाले को भी 3 साल की सजा के प्रावधान की मांग की गई। इसके अलावा पंचायत में बाल विवाह करने वालो के सामाजिक बहिष्कार की भी बात कही तथा कॉलेज न खोलने पर वोट न देने की बात छात्राओं ने खुले रूप से की।
सेल्फी विद डॉटर के फाउंडर की पहल
इस लाडो पंचायत का आयोजन सेल्फी विद डॉटर के फांउडर सुनील जागलान ने करवाया। इसमें हरियाणा के गुरुग्राम जिला, मेवात जिले के अलावा दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, बिहार व चंडीगढ़ से विशेष तौर ओर आई लड़कियों ने भी हिस्सा लिया। इस पंचायत में आई हुई लड़कियों में से ही ड्रॉ के माध्यम से कुमारी मोनिका को पंचायत का अध्यक्ष बनाया गया। पूरी कार्यवाही उनकी अध्यक्षता में चली। सचिव के तौर पर सुनील जागलान ने हिस्सेदारी निभाई।
बेटियों ने कहा, शादी की उम्र बढ़ाने में देरी क्यों
हिमाचल प्रदेश की 16 वर्षीय ऋषिदा ने कहा कि लड़कियों को पढ़ने-लिखने का बराबर का अधिकार मिलना चाहिए। साउथ एशियन यूनिवर्सिटी की छात्रा मोनिका ने कहा कि संवैधानिक तौर पर सरकार आसानी से अनुच्छेद में बदलाव कर लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 कर सकती है। मेवात की अंजुम ने कहा कि देश को एक तरक्की शील राष्ट्र बनाने के लिए लड़कियों को बराबर के अधिकार मिलने जरूरी है। सरमथला की 17 साल की प्रियंका ने कहा कि सरकार लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने में क्यों देर कर रही है। बिहार की अंजलि ने कहा कि हमारे प्रदेश की हजारों बेटियों को कम उम्र में शादी करके हरियाणा समेत दूसरे प्रदेशों में बेचा जाता है।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।