माॅस्को। इस्लामी अमीरात अफगानिस्तान के उप प्रधानमंत्री मौलवी अब्दुल सलाम हनाफी के नेतृत्व में तालिबान के एक प्रतिनिधिमंडल ने भारत के साथ अपने पहले उच्च स्तरीय संपर्क के तहत बुधवार को यहां मॉस्को फॉर्मेट बैठक से इतर विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव जेपी सिंह से मुलाकात की। तालिबान के प्रवक्ता एवं इस्लामी अमीरात के सूचना एवं संस्कृति उप मंत्री जबीहुल्लाह मुजाहिद द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की चिंताओं को ध्यान में रखने और राजनयिक और आर्थिक संबंधों में सुधार करने की आवश्यकता पर सहमति जतायी। उन्होंने कहा, “भारतीय पक्ष ने अफगानियों को व्यापक मानवीय सहायता प्रदान करने की इच्छा व्यक्त की।” उन्होंने बताया कि जेपी सिंह और उनके साथ आये प्रतिनिधिमंडल के साथ माॅस्को फॉर्मेट बैठक से इतर बैठक हुई।
तालिबान का प्रतिनिधिमंडल उन देशों के प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग बैठक कर रहा था जो मॉस्को फॉर्मेट बैठक के लिए आये हैं। कतर में भारतीय दूत दीपक मित्तल के 31 अगस्त को दोहा में शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई से मुलाकात के बाद यह इस तरह की दूसरी द्विपक्षीय बैठक है। यह दूसरी बार है, जब सिंह तालिबान के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक कर रहे हैं। पहली बैठक तालिबान के काबुल पर कब्जा करने से ठीक तीन दिन पहले 12 अगस्त को दोहा में हुई थी। भारत ने कहा है कि अफगानिस्तान के प्रति उसकी नीति अफगानी लोगों के साथ उसकी मित्रता से निर्देशित होती है। भारत नवंबर में अफगानिस्तान पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर पर एक बैठक भी बुला रहा है। गौरतलब है कि रूस की राजधानी मॉस्को अफगानिस्तान पर परामर्श के माॅस्को फॉर्मेट की तीसरी बैठक की मेजबानी कर रही है। इस कार्यक्रम में भारत सहित क्षेत्र के 10 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।