दंगल में मौजूद होने की बात साबित नहीं कर पाया आशीष मिश्रा

Ashish Mishra

लखीमपुर खीरी (एजेंसी)। लखीमपुर हिंसा कांड के मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष से एसआईटीम टीम ने करीब 12 घंटे पूछताछ की। आशीष ने घटनास्थल पर मौजूद न होने का दावा किया। एसआईटी टीम के सामने दंगल कार्यक्रम के 13 वीडियो भी पेश किए। हालांकि, यह सिद्ध नहीं कर पाया कि घटना के वक्त वह दंगल में ही मौजूद था। आशीष एसआईटी टीम के कई सवालों में ऐसे उलझे कि वकील को आगे कर दिया। हालांकि, टीम ने वकील को बीच में बोलने से रोक दिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जैसे-जैसे पूछताछ का वक्त बढ़ रहा था, उसकी सांसें अटक रही थीं। उसके चेहरे पर गिरफ्तारी का डर साफ नजर आ रहा था। शाम 5 बजे के करीब गिरफ्तारी की तैयारी होते देख चेहरे की रंगत उड़ गई।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में पिछले रविवार को हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत के मामले में पुलिस की अपराध शाखा ने केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष मिश्र उर्फ मोनू को छह घंटे की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि आशीष शनिवार सुबह 10:35 बजे क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के सामने पेश हुआ था। क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने सुबह 11 बजे उससे पूछताछ शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि आशीष साथ लाए साक्ष्यों में यह साफ नहीं कर सका कि वह घटना के समय कहां था। साथ लाए वीडियो में तिकुनिया में घटी हिंसक घटना के समय दंगल में होने की पुष्टि नहीं हो सकी है। आशीष की सफाई और साक्ष्यों से अधिकारी संतुष्ट नहीं हुए जिसके बाद उसे आईपीसी की धारा 302 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया।

उसे पुलिस लाइन से मेडिकल के लिये ले जाया गया है, जिसके बाद उसे रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश करके जेल भेज दिया गया। सूत्रों ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में आरोपी के सामने 40 सवालों की सूची रखी थी। पूछताछ की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई। आरोपी घटना के वीडियो की कई पेन ड्राइव साक्ष्य के तौर पर साथ लेकर आया था, जिसमें दर्शाया गया था कि घटना के समय वह वहां मौजूद नहीं था, बल्कि वहां से काफी दूरी पर बनवीरपुर गांव में दंगल के कार्यक्रम में व्यस्त था।

 

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