आज के समय में बीमा एक बहुत आवश्यक आर्थिक प्रोडक्ट है। आपको समय रहते ही बीमा कवर लेना चाहिए। पर अकसर देखा गया है कि लोग इस पर कम ध्यान देते हैं। अधिकतर लोग अपनी नौकरी से रिटायर होने के बाद, विशेष रूप से 60 वर्ष की आयु में, अपने स्वास्थ्य बीमा के बारे में चिंता करना शुरू करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वे फिर अपनी कंपनी के ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर नहीं किए जाते हैं। आम तौर पर स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों में 60 या 65 वर्ष की प्रवेश आयु पर एंट्री नहीं होती। इसलिए इस उम्र के बाद बीमा पॉलिसी का चयन करते समय, कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हें कोई कवर नहीं मिल पाता।
आज कई बीमा कंपनियां विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए डिजाइन की गई स्वास्थ्य पॉलिसी की पेशकश करती हैं। इन पॉलिसी में कोई अधिक आयु वाला वरिष्ठ नागरिक (65-74 के बीच या कुछ पॉलिसी में 85 वर्ष की आयु तक) भी एंट्री कर सकता है। इसलिए विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को कंपनी द्वारा मिले ग्रुप हेल्थ पॉलिसी के तहत अपने वरिष्ठ नागरिक माता-पिता को शामिल करना चाहिए। ऐसा करने की पांच बड़ी वजह हैं।
महंगे प्रीमियम से बचाव
जैसा कि आपको पता है कि कुछ पॉलिसियों में कोई अधिक आयु वाला वरिष्ठ नागरिक भी एंट्री कर सकता है। मगर सामान्य स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के विपरीत, ये पॉलिसी सस्ती नहीं होती है। बीमाकर्ता इन पॉलिसियों के लिए अधिक प्रीमियम वसूलते हैं क्योंकि इस उम्र में लोगों को बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए जानकार सलाह देते हैं कि कंपनी से मिली ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत अपने माता-पिता को कवरेज प्रदान करें।
मेडिकल एग्जामिनेशन की जरूरत नहीं
आपको कंपनी की तरफ से दी गई बीमा योजनाओं के लिए किसी मेडिकल चेकअप की आवश्यकता नहीं होती है। डॉक्यूमेंटेशन के झंझट के बिना पूरे परिवार का पहले दिन से आॅटोमैटेड रूप से बीमा हो जाता है।
कम होता है प्रीमियम
ग्रुप हेल्थ पॉलिसी में अदा किया जाने वाला प्रीमियम पर्सनल हेल्थ पॉलिसियों के लिए दिए जाने वाले प्रीमियम से कम होता है। इससे अधिक निवेश और बचत की गुंजाइश रहती है।
कोई प्रतीक्षा अवधि नहीं
इसे सबसे महत्वपूर्ण फायदों में से एक माना जाता है। किसी भी बीमारी के कवरेज के लिए कोई प्रतीक्षा अवधि नहीं होती। आपके माता-पिता पहले दिन से ही कवर रहते हैं। उदारहण के लिए स्टैंडर्ड पॉलिसी में मोतियाबिंद के उपचार की न्यूनतम प्रतीक्षा अवधि 1 या 2 वर्ष है। हालांकि ग्रुप हेल्थ प्लान के तहत ये पहले दिन से ही कवर की जाती है। पहले से मौजूद बीमारियों के मामले में भी ऐसा ही है, जो पहले दिन से ही कवर की जाती हैं।
टॉप-अप या सुपर टॉप-अप जोड़ना
एम्प्लोयर बेस ग्रुप हेल्थ पॉलिसी के तहत उच्च बीमा राशि का आॅप्शन प्रदान करते हैं। वहीं कई एम्प्लोयर ग्रुप टॉप-अप या सुपर टॉप-अप पॉलिसियां आॅफर करते हैं। जानकार कहते हैं कि अगर कंपनी इस तरह के आॅप्सन प्रदान नहीं करती है, तो आप अपने माता-पिता के लिए रिटेल सुपर टॉप-अप पॉलिसियों के तहत कवर एड कर सकते हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते वक्त ध्यान देने योग्य बातें
1. पॉलिसी में क्या-क्या शामिल हैं देख लें
सीनियर सिटीजन को अधिक कवरेज, लचीलापन और सहायता की जरूरत होती है। इस लिहाज से उन्हें एक ऐसा हेल्थ इंश्योरेंस चाहिए जिसमें बहुत सी सुविधाएं हों। हार्ट प्रॉब्लम, कैंसर, किडनी ट्रांसप्लांट जैसी गंभीर बीमारियों के लिए पेमेंट की शर्त नहीं होनी चाहिए।
2. पुरानी बीमारी को छुपायें नहीं
स्वास्थ्य बीमा कंपनियां पुरानी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को कवरेज देना नहीं चाहती हैं। पुरानी बीमारियों का मतलब है कि इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले से ही व्यक्ति किसी बीमारी से पीड़ित है। ऐसी कई हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां हैं जो कवरेज दे सकती हैं यदि बीमारी बहुत गंभीर न हो। सीनियर सिटीजन के लिए एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते वक्त पुरानी बीमारियों का खुलासा जरूरी है जिससे क्लेम रिजेक्ट होने से बचा जा सके।
3. कवर रकम पर्याप्त होना चाहिए
सीनियर सिटीजन को युवाओं की तुलना में स्वास्थ्य स्वास्थ्य बीमा की जरूरत अधिक रहती है। उनके लिए पर्याप्त कवरेज वाला हेल्थ इंश्योरेंस लेना बहुत जरूरी है। कुछ हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां सीनियर सिटीजन के लिए हेल्थ कवरेज की अधिकतम रकम के लिए एक सीमा निर्धारित करती हैं। सीनियर सिटीजन के लिए पॉलिसी खरीदते समय सबसे पहले उनकी पुरानी बीमारियों और भावी जोखिमों का पता लगाने की कोशिश करें ताकि उनके लिए हेल्थ कवरेज की रकम का सही अंदाजा लगाया जा सके।
4. फ्लोटर पॉलिसी या इंडीविज्युअल पॉलिसी
फ्लोटर पॉलिसी या व्यक्तिगत पॉलिसी में से चुनने का फैसला करते समय सावधान रहना चाहिए। फ्लोटर पॉलिसी में सबसे अधिक आयु वाले व्यक्ति की उम्र के आधार पर प्रीमियम बनाया जाता है। पॉलिसी लेने वाले व्यक्ति द्वारा फ्लोटर पॉलिसी के तहत बीमा का क्लेम किए जाने के बाद उस पॉलिसी के कवरेज की रकम उतनी घट जाती है।
5. वेटिंग पीरियड का पता करें
इंश्योरेंस लेने वाले व्यक्ति को वेटिंग पीरियड तक पुरानी बीमारियों के मामले में कवरेज पाने से रोकती है। इसके बाद पॉलिसी लेने वाला इंश्योरेंस कवरेज पाने के योग्य बनता है। सीनियर सिटीजन के लिए पहले से मौजूद बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड 1 से 4 साल तक की होती है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए ऐसी पॉलिसी लेने की कोशिश करें जिसमें पुरानी बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड सबसे कम हो।
6. तुलना जरूर करें
इंश्योरेंस कंपनी से सीधे सीनियर सिटीजन के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ना लें। इसमें बहुत ज्यादा प्रीमियम देना पड़ सकता है। इसमें को पेमेंट की शर्त भी हो सकती है। पुरानी बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड की शर्त भी हो सकती है और आपको मेडिकल चेकअप भी कराने पड़ सकते हैं। कई बैंक अपने ग्राहकों को पॉलिसी बेचने के लिए खास हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के साथ कॉन्ट्रेक्ट रखते हैं। ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम के तहत आने वाली इन पॉलिसी में प्रीमियम बहुत कम होता है।
7. बैंक से पॉलिसी खरीदने में बरतें सावधानी
बैंक के माध्यम से हेल्थ पॉलिसी खरीदने से नुकसान भी हो सकता है। सिक्का ने कहा, बैंक और इंश्योरेंस कंपनी के बीच कॉन्ट्रेक्ट खत्म होने पर आप कम दर पर पॉलिसी को रिन्यू नहीं करा पाएंगे। सीनियर सिटीजन को युवाओं की तुलना में हेल्थ इंश्योरेंस की जरूरत ज्यादा है। उन्हें इंश्योरेंस में पुरानी बीमारियों का खर्च, पॉलिसी लेने से 30 दिन के भीतर होने वाली बीमारियों का खर्च, चोट या नशे के इलाज का खर्च इत्यादि नहीं मिलता।
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