नयी दिल्ली l कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के एक दिन बाद आज कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल नहीं हो रहे हैं लेकिन कांग्रेस में भी नहीं रहेंगे। सिंह ने एक मीडिया चैनल में कहा है कि वह भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं लेकिन अब कांग्रेस में भी नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा “अब तक मैं कांग्रेस में हूं लेकिन कांग्रेस में नहीं रहूंगा। मैं इस तरह का व्यवहार नहीं सहन कर पाऊंगा।”उन्होंने कहा कि कांग्रेस का जनाधार लगातार गिर रहा है और इसके कारण आने वाले चुनाव में उसकी संभावनाएं भी खत्म हो रही हैं। उनका कहना था कि कांग्रेस ने उनकी पांच दशक की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं और इस अपमान के साथ वह कांग्रेस के साथ अब नहीं रह सकते। कैप्टन सिंह ने बुधवार को यहां शाह से उनके आवास पर मुलाकात की थी जिसके बाद उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गयी जिसको लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने किसानों के मुद्दें को लेकर शाह से बातचीत की है। कैप्टन सिंह ने आज सुबह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से उनके आवास पर मुलाकात की।
कैप्टन अमरिंदर मिले डोभाल से, डोभाल ने गृहमंत्री शाह से की मुलाकात
पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अपनी पहले दिल्ली प्रवास में कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोभाल से मुलाकात की। कैप्टन सिंह की डोभाल से इस मुलाकात का महत्व इस बात से और भी बढ़ जाता है कि डाभाल ने उसके कुछ समय बाद गृह मंत्री अमित शाह के साथ एक बैठक की। गौरतलब है कि कैप्टन सिंह ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू के साथ लम्बी खींचतान में पार्टी हाईकामन के रुख से ‘अ पमानित’ महसूस करते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। वह मंगलवार शाम से दिल्ली में हैं। उन्होंने कल शाह से उनके निवास पर करीब 50 मिनट तक बैठक की थी। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने बाद में एक ट्वीट में कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री से यह मुलाकात किसानों के मुद्दे पर थी। कैप्टन सिंह सिद्धू को संवेदनशील सीमावर्ती राज्य पंजाब के हितों के लिए जोखिम बता चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक कैप्टन सिंह का डोभाल से उनके घर पर मिलना और उसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का गृहमंत्री शाह से मिलना पंजाब में सुरक्षा हालात पर केंद्रित है। गौरतलब है कि पड़ोसी पाकिस्तान पंजाब में हथियार और मादक पदार्थों को भेजने के लगातार प्रयास करता रहा है। हाल में इस काम के लिए उसकी तरफ से ड्रोन का भी इस्तेमाल किया गया। कैप्टन सिंह के इस्तीफे के बाद खुद सिद्धू पार्टी हाईकमान के निर्णयों पर असंतोष जताते हुए पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं। पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी सरकार की एडवोकेट जनरल और पुलिस महानिदेशक की नियुक्तियों पर भी विवाद उभर चुका है ।
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