रसोई गैस सिलेंडर के बारे में ये जानकारी होना आपके लिए है जरूरी ….

LPG Cylinder

सरसा (सच कहूँ डेस्क)। गैस सिलेंडर हर घर में इस्तेमाल होता है, लेकिन कुछ ऐसी जानकारी होती है कि जिसका हम सभी को पता होना जरूरी है। प्रधानमंत्री की उज्ज्वला योजना के बाद से गांव के लोगों तक एलपीजी गैस की पहुंच हो गई है। हम लोगों ने अपने घरों में गैंस के ये सिलेंडर जरूर देखे होंगे। लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि गैस सिलेंडर के हत्थे की किसी पट्टी पर एक कोड लिखा होता है। ये कुछ ऐसा होता है, बी-15। हर सिलेंडर पर अपना एक अलग कोड लिखा होता है। लेकिन क्या आप इन कोड्स का मतलब जानते हैं। दरअसल, इनका संबंध आपकी सुरक्षा से है। आइए जानते हैं।

टेस्टिंग डेट के लिए लिखे जाते हैं कोड

दरअलस, सिलेंडर पर लिखे इन कोड्स में अंग्रेजी के चार अक्षर का इस्तेमाल किए जाते हैं। ये ए,बी,सी,डी होते हैं। इनका संबंध महीने से होता है। ए का इस्तेमाल जनवरी, फरवरी और मार्च के लिए किया जाता है। वहीं, बी का यूज अप्रैल, मई और जून के लिए किया जाता है। सी का यूज जुलाई, अगस्त और सितंबर के लिए किया जाता है।

ठीक इसी तरीके से डी का इस्तेमाल अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के लिए किया जाता है। अंग्रेजी के अक्षरों के बाद आने वाले अंकों का मतलब उस साल से होता है, जिसमें उनकी टेस्टिंग होनी वाली होती है। ऐसे समझिए कि आपके गैस पर बी-30 कोड लिखा है। इसका मतलब इस गैस सिलेंडर की टेस्टिंग, साल 2030 के अप्रैल, मई और जून में की जाएगी। अगर टेस्टिंग का डेट निकल गया है, तो समझिए सिलेंडर आपके लिए काफी खतरनाक है।

कितने साल की होती है गैस सिलेंडर की एक्पायरी

बता दें कि भारत में बनने वाले गैस सिलेंडर के लिए बीआईएस 3196 मानक का पालान किया जाता है। इसके तहत बने गैस सिलेंडर की लाइफ 15 साल होती है। ऐसे में किसी भी गैस सिलेंडर की दो बार टेस्टिंग की जाती है। पहले टेस्टिंग 10 साल पर होती है। इसके बाद दूसरी टेस्टिंग 5 साल बाद होती है।

Cylinder

सिलेंडर के रंगों के आधार वर्गीकरण

  • सफेद रंग के सिलेंडर में ऑक्सीजन गैस होती है।
  • ग्रे कलर के सिलेंडर में कार्बन डाइऑक्साइड होती है।
  • काले रंग के सिलेंडर में नाइट्रोजन गैस भरी जाती है।
  • ब्राउन यानी भूरे रंग के सिलेंडर में हीलियम गैस भरी जाती है।
  • नीले रंग के सिलेंडर में नाइट्रस ऑक्साइड गैस भरी जाती है।
  • लाल रंग के सिलेंडर में एलपीजी यानी लिक्वेफाइड पैट्रोलियम गैस भरी जाती है।

सामान्य प्रेशर के मुकाबले 5 गुना ज्यादा प्रेशर से होती है सिलेंडर की जांच

टेस्टिंग के वक्त सिलेंडर की लीकेज जांचने के लिए पानी से भरकर हाइड्रो टेस्ट किया जाता है। इसके अलावा इसका प्रेशर टेस्ट भी किया जाता है। इस दौरान एक सिलेंडर पर सामान्य प्रेशर के मुकाबले 5 गुना ज्यादा प्रेशर डाला जाता है। टेस्टिंग के दौरान मानकों पर खरे न उतरने वाले सिलेंडरों को नष्ट कर दिया जाता है।

क्या करे जब लग जाए सिलेंडर में आग

जब कभी गैस के सिलेंडर में आग लग जाए तो सब से पहले उसे सिलेंडर के ऊपर गीला कंबल या बैड सीट लपेट देनी चाहिए जिससे आग बुझ जाती है। गैस सिलेंडर की नोजल से निकल रही आग को बुझाने के लिए सबसे पहले सिलेंडर को टेढ़ा कर बाहर फेंक देना चाहिए या उसको पानी में डुबो देना चाहिए। इसके अलावा अगर हम इसको पानी के टैंक या नाली में डाल दें, तो भी इस पर काबू पाया जा सकता है।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।