नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है लेकिन इस दौरान महामारी के बारे में गलत सूचनाओं के प्रसार (इंफोडेमिक) के नुकसान से मुकाबला करना भी सभी देशों के लिए एक चुनौती है। ठाकुर ने फ्रांस और न्यूयॉर्क के महावाणिज्य दूतावास में संयुक्त राष्ट्र महासभा के सौजन्य से आयोजित सूचना एवं लोकतंत्र संबंधित शिखर सम्मेलन की परिचर्चा में आभासी माध्यम से भाग लिया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि इन्फोडेमिक की समस्?या से सर्वोच्च स्तर पर निपटना जरूरी है।
वैश्विक महामारी के मद्देनजर भारत को घरेलू स्तर पर दोहरी सूचना चुनौती का सामना करना पड़ा। एक ओर शहरी आबादी को सोशल मीडिया एवं अन्य स्मार्टफोन एप्लिकेशन के जरिये भ्रामक एवं गलत सूचनाओं के तेजी से प्रसार की चुनौती का सामना करना पड़ा। जबकि दूसरी ओर हमारे पास ग्रामीण एवं दूरदराज के इलाकों में भी लोग थे जहां विभिन्?न क्षेत्रीय भाषाओं के साथ अंतिम संचार का स्वरूप बदल जाता था।
गलत सूचनाओं के तेजी से प्रसार की चुनौती
ठाकुर ने कहा, ‘भारत सरकार ने विज्ञान और तथ्यों के आधार पर त्वरित एवं स्पष्ट संचार के माध्यम से इन चुनौतियों का सामना किया। गलत सूचना, भ्रामक समाचार और झूठे बयानों का मुकाबला करने के लिए सूचना का नियमित एवं प्रामाणिक प्रवाह सुनिश्चित करना भारत सरकार की रणनीति का एक महत्वपूर्ण घटक रहा है।
हमने कोविड पर दैनिक प्रेस वार्ता आयोजित की जिसे टीवी समाचार, प्रिंट, रेडियो और सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक तौर पर प्रसारित किया गया। उन्होंने कहा कि भारत का पत्र सूचना कार्यालय ने अपने विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से भ्रामक सूचनाओं और गलत समाचारों की जांच करने में सक्रिय भूमिका निभाई। हमने विभिन्न मुद्दों पर रुचिपूर्ण तरीके से भारतीय जनता को सूचित किया।
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