शिकायतों के निवारण और सुझावों से लोगों का भरोसा बढ़ा: भूपेश्वर दयाल
चंडीगढ़ (सच कहूँ/अनिल कक्कड़)। सीएम विंडो जहां लोगों के लिए एक ओर आसान, असरदार व भरोसेमंद व्यवस्था सिद्ध हो रही है तो वहीं दूसरी ओर आरटीआई एक्टिविस्ट व व्हिसल ब्लोअर्स का भी इसके प्रति विश्वास बढ़ा है, क्योंकि उनकी शिकायत पर गुरुग्राम के पारस अस्पताल पर एफआईआर दर्ज व 16 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है। मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि गुरुग्राम के आरटीआई एक्टिविस्ट व व्हिसल ब्लोअर्स के ग्रुप ‘अधिकार’ के एक सदस्य रमेश यादव ने सीएम विंडो पर शिकायत की थी कि गुरुग्राम के सैक्टर-43 स्थित पारस अस्पताल में पार्किंग के नाम पर एक माफिया अवैध वसूली कर रहा है। अस्पताल के बेसमेंट-2 पर अस्पताल प्रबन्धन ने नगर निगम से प्रॉपर्टी टैक्स में सौ फीसदी छूट ले रखी है।
भूपेश्वर दयाल ने बताया कि सीएम विंडो द्वारा इस मामले में कड़ा संज्ञान लिया गया और जिस पर नगर निगम गुरुग्राम के अधिकारियों की एक टीम ने अस्पताल साइट का दौरा किया और पाया कि अस्पताल प्रबन्धन ने बेसमेंट-2 का फ्री पार्किंग के लिए उपयोग करते हेतु नगर निगम से प्रॉपर्टी टैक्स में सौ फीसदी छूट ले रखी है। परंतु वर्तमान में इसका उपयोग अस्पताल द्वारा फ्री पार्किंग के लिए नहीं बल्कि अन्य कार्यों के लिए किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नगर निगम के अधिकारियों द्वारा अस्पताल की ओर से उपलब्ध करवाए गए दस्तावेजों के आधार पर 16,27,582 रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने के आदेश जारी किये। उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रबन्धन ने 25 जनवरी, 2021 को इसमें से 12,89,647 रुपये की राशि जमा करवा दी तथा शेष राशि को माफ करने का अनुरोध किया।
भूपेश्वर दयाल ने बताया कि पुलिस ने भी अस्पताल प्रबन्धन के विरूद्ध पुलिस थाना सुशांत लोक में 29 जुलाई, 2021 को आईपीसी की धारा 384 के तहत एफआईआर संख्या 0178 दर्ज की है, जिसकी एक प्रति आरटीआई एक्टिविस्ट रमेश यादव को नि:शुल्क उपलब्ध करवा दी गई है।
डीए नहीं मिलने पर प्रोफेसर ने की थी शिकायत, हुआ निवारण
इसी प्रकार, एक अन्य मामले में भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय, खानपुर कलां (सोनीपत) की सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉॅ. शंकुतला सहारण ने सीएम विंडो पर शिकायत दी थी कि विश्वविद्यालय द्वारा पहली जुलाई, 2019 से 31 दिसम्बर, 2019 तक की अवधि का 11190 रुपये की दर पर 5 प्रतिशत के हिसाब से बेसिक पेंशन में डीए नहीं दिया गया। इसके अलावा, उनका 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार पहली जनवरी, 2016 से 31 मार्च, 2019 की अवधि का बकाया तथा एलटीसी भी विश्वविद्यालय की ओर लम्बित है। भूपेश्वर दयाल के अनुसार सीएम विंडो द्वारा इस संबंध में जब विश्वविद्यालय के अधिकारियों को संपर्क किया गया तो उन्होंने अपनी गलती मानते हुए बताया कि प्रोफेसर डॉ. शंकुतला सहारण के सारे बकाया की राशि में से 19,653 रुपये टीडीएस काटकर जो 1,76,874 रुपये बनती है, को चैक नम्बर 1,07,883 के माध्यम से उनको भेज दिए गए हैं।
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