नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। उच्चतम न्यायालय ने ग्यारहवीं की ऑफलाइन परीक्षा कराने के केरल सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की खंडपीठ ने कहा कि वह राज्य सरकार की दलीलों से संतुष्ट हैं। दरअसल राज्य सरकार ने हलफनामा दाखिल करके ऑफलाइन परीक्षा के फैसले का कारण बताया था, जिस पर न्यायालय ने संतोष व्यक्त किया था। न्यायालय ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कहा कि उसे इस बात को लेकर भरोसा हो गया है कि अधिकारी परीक्षा आयोजन के लिए आवश्यक सावधानी बरतेंगे। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने याचिका खारिज कर दी।
क्या है मामला:
गौरतलब है कि तीन सितम्बर को न्यायमूर्ति खानविलकर की खंडपीठ ने ऑफलाइन परीक्षा के आयोजन पर रोक लगा दी थी। परीक्षा छह सितम्बर से आयोजित होनी थी। गत तीन सितम्बर को खंडपीठ ने याचिकाकर्ता रसूलशन ए. के वकील प्रशांत पद्मनाभन की दलीलें सुनने के बाद आॅफलाइन परीक्षा आयोजित करने के राज्य सरकार के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। न्यायालय ने केरल सरकार के इस फैसले पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा था कि इस तरह के फैसले से पहले राज्य सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों पर ध्यान नहीं दिया।
केरल में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं
गौरतलब है कि केरल में रोजाना कोरोना के 30 हजार मामले सामने आ रहे हैं, जो राष्ट्रीय आंकड़े का 70 फीसदी है। याचिकाकर्ता ने आॅफलाइन परीक्षा आयोजित करने के फैसले में हस्तक्षप करने से केरल उच्च न्यायालय के इनकार के बाद शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। न्यायालय ने पिछली सुनवाई को अंतरिम स्थगनादेश जारी करते हुए कहा था, ‘याचिकाकर्ता के वकील की दलीलों में दम है, लेकिन राज्य सरकार के वकील की ओर से हमें कोई ठोस और उचित जवाब नहीं मिला है, इसलिए सुनवाई की अगली तारीख तक परीक्षा के आयोजन पर अंतरिम रोक लगायी जाती है।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।