भिवानी जिले में दो लाख हैक्टेयर में हुई थी कपास की बिजाई
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मौसम विभाग ने सितंबर माह में 56 एमएम बरसात की दर्ज
सच कहूँ/इन्द्रवेश
भिवानी। अक्सर देखने में यह आता है कि कम बारिश की वजह से किसानों की फसलें खराब हो जाती है, लेकिन इस वर्ष इंद्रदेवता की अधिक मेहरबानी ने किसानों की कपास की फसल को बर्बाद कर दिया हैं। किसानों ने कपास की फसल बोई थी। मौसम विभाग ने भी किसानों को अच्छी खबर दी थी कि इस बार बारिश समय पर होगी। बारिश तो समय पर हुई, लेकिन जरूरत से ज्यादा बारिश होने पर कपास की फसल में फायदा होने की बजाए नुकसान हुआ। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार इस बार 56 एमएम बारिश दर्ज की गई है। भिवानी जिले की बात करें तो इस वर्ष दो लाख हेक्टेयर की बिजाई हुई थी। शुरूआत दौर में तो सब ठीक था। मौसम बदला बारिश हुई किसान भी खुश हुए, लेकिन सितंबर माह में बारिश ज्यादा होने लगी और फिर फसल में फायदे की बजाए नुकसान होने लगा।
किसानों का कहना है कि बारिश ज्यादा होने की वजह से उनकी कपास की फसल खराब हो गई। जिसकी वजह से वे अब काफी परेशान है। किसानों का कहना है कि हर बार बारिश ना होने की वजह से नुकसान होता है तथा इस बार बारिश ज्यादा होने की वजह से नुकसान हुआ है। ज्यादा बारिश की वजह से फसलें अब तबाह होने लगी है। किसानों ने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से बर्बाद हुई फसल की विशेष गिरदावरी करवाकर नुक्सान की भरपाई करने की मांग की है।
12 हजार हेक्टेयर में किसानों को ज्यादा नुकसान
भिवानी के कृषि अधिकारी डॉ. बलबीर शर्मा का कहना है कि सरकारी रिकॉर्ड के हिसाब से बात करे तो इस बार किसानों ने दो लाख हेक्टेयर भूमि में कपास की फसल बोई थी। उन्होंने बताया कि बारिश की बात करे तो सितंबर माह में ही 56 एमएम बारिश दर्ज की गई है। ज्यादा बारिश की वजह से कपास पर गलत प्रभाव पड़ना शुरू हो गया। उन्होंने बताया कि कपास की एक लाख 13 हजार हेक्टेयर में आंशिक नुकसान ज्यादा बारिश की वजह से हुआ। वही 12 हजार हेक्टेयर में किसानों को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार के पास सभी आंकड़े भेज दिए गए है।
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