सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में लिया गया फैसला
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डीजीपी, गृह सचिव व कई वरिष्ठ अधिकारी कमेटी में रहेंगे मौजूद
चंडीगढ़ (अनिल कक्कड़)। प्रदेश के गृह सचिव राजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में प्रदेश सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है जो हरियाणा-दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसानों से सड़कें खुलवाने का रास्ता खोजेगी और किसान संयुक्त मोर्चा से संवाद करेगी। यह कमेटी बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता और गृह मंत्री अनिल विज की मौजूदगी में गठित की गई। आपको बता दें कि पिछले 10 महीनों से हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, यूपी एवं समस्त भारत के किसान दिल्ली बॉर्डर पर तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे हैं।
किसानों ये धरने मुख्यत: हाई-वे पर हैं जिस कारण आवाजाही में भारी किल्लतें पैदा हो गई हैं, स्थानीय लोगों के कारोबार पर भी भारी असर पड़ रहा है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और सड़कों पर आवाजाही में आ रहीे परेशानी पर एनएचआरसी ने हरियाणा, यूपी, दिल्ली सरकारों को नोटिस भेजा था, जिसके बाद प्रदेश में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में गृहमंत्री अनिल विज, हरियाणा के चीफ सेक्टरी विजयवर्धन, डीजीपी प्रशांत अग्रवाल, होम सेक्टरी राजीव अरोडा सहित कई आला अधिकारियों की बैठक बुधवार को चंडीगढ़ में हुई। इस बैठक में गृह सचिव राजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया जिसमें डीजपी व अन्य कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहेंगे। यह कमेटी अब किसानों को सड़कें खाली करने के लिए मनाएगी।
संयुक्त किसान मोर्चा से होगा संवाद
इस बाबत जानकारी देते हुए प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पालन करते हुए हाई पावर कमेटी का गठन गृह सचिव राजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में किया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को देखते हुए यह कमेटी संयुक्त किसान मोर्चा से बात करेगी। वहीं डीजीपी, गृह सचिव समेत कई वरिष्ठ अधिकारी कमेटी में शामिल रहेंगे। उन्होंने कहा कि हाई पावर कमेटी पहले संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों से बात करेगी उसके बाद रास्ता खोलने को लेकर निर्णय लिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे ये आदेश
ज्ञात रहे कि मोनिका अग्रवाल की जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि जनहित में कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों से एक तरफ का रास्ता खाली करवाया जाए। इसके बाद ललित सिवाच के निवेदन पर किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि वे इस बात पर विचार करेंगे। इसके लिए वे संयुक्त किसान मोर्चा के अन्य प्रतिनिधियों के साथ बैठक करके जल्द प्रशासन को इसकी सूचना देंगे। कुछ किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि एकतरफ मार्ग छोड़ने की स्थिति में उन्हें दूसरी जगह वैकल्पिक जगह उपलब्ध करवाई जाए। दिल्ली की ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग का बंद किया जाना और दीवार खड़ी करना भी एक प्रमुख समस्या है।
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