ओढां (सच कहूँ/राजू)। दिवंगत शिक्षक उज्जल सिंह की प्रथम बरसी पर गांव नुहियांवाली के रा.व.मा.विद्यालय में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्घाटन बीईओ सहीराम चाहर व उज्जल सिंह के परिजनों ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर 74 यूनिट रक्तदान किया गया। शिविर में पूज्य बापू मग्घर सिंह जी इंटरनैशनल ब्लड बैंक सरसा की टीम ने रक्त संग्रहण किया। नुहियांवाली के रा.व.मा.विद्यालय में कार्यरत शिक्षक गांव चोरमार निवासी उज्जल सिंह का विगत वर्ष की 10 सितंबर को कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया था।
इस श्रद्धांजलि समारोह में बीईओ सहीराम चाहर व पूर्व बीईओ हरमेल सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि जो लोग चले जाते हैं उन्हें वापिस तो नहीं लाया जा सकता, लेकिन उनकी स्मृति में किया गया नेक कार्य हमेशा उसकी याद दिलाता रहता है। शिक्षक के परिजनों में नायब सिंह गिल ने कहा कि उज्जल सिंह का सपना था कि उनके परिवार से ही नहीं अपितु उनसे पढ़ने वाले बच्चे भी उनकी तरह शिक्षक बने। इस अवसर पर उनके परिजनों ने क क्षा 8वीं की छात्रा स्नेहा को प्रथम स्थान पर आने पर प्रोत्साहन राशि देकर उसका हौंसला बढ़ाया।
रक्तदान से शरीर में नहीं आती कमजोरी: डॉ. भादू
डॉ. संदीप भादू ने कहा कि रक्तदान करने से कोई शारीरिक कमजोरी नहीं आती अपितु रक्त पहले से ज्यादा अच्छा बनता है। इस दौरान स्कूल के कार्यवाहक प्राचार्य रोहताश गोदारा ने भी अपने संबोधन में कहा कि उज्जल सिंह की कमी विद्यालय में हमेशा महसूस होगी।
नम आंखों ने दी श्रद्धांजलि, किया रक्तदान
शिविर में उज्जल सिंह के परिजनों में उनकी भाभी रमनदीप कौर, भतीजे गुरसाजन सिंह व चचेरे भाई गुरविंद्र ने नम आंखों के साथ रक्तदान करते हुए श्रद्धांजलि दी। उनकी पत्नी परमिंद्र कौर ने कहा कि उनके पति उज्जल सिंह अपने इकलौते बेटे व भतीजे गुरसाजन को शिक्षक बनाना चाहते थे। वह उनका सपना जरूर पूरा करेगी। वहीं उज्जल सिंह के साथी अध्यापकों में रमेश कांसल, रोहताश गोदारा, राजेन्द्र सिंह, गुरजीत सिंह, सत्यनारायण, बलदेव सिंह, बलकरण सिंह व गुरचरण सिंह सहित अन्य ने रक्तदान किया।
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