गंदगी और टूटी दीवारें ब्यां कर रही बदहाली
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ठेकेदार ने पेमेंट न होने का बहाना बना अधर में छोड़ा काम
सच कहूँ/विकास सिंहमार
सफीदों। नगर के एकमात्र रामसर पार्क को सौंदर्यकरण के नाम पर पूरी तरह से उजाड़कर रख दिया गया है। एक सुंदर पार्क आज एक खण्डहर के रूप में तबदील हो गया है। इस पार्क में चारों ओर उजाड़, घास ही घास, टूटी हुई दीवारें, गंदगी ही गंदगी, कबाड़ का सामान, आवारा घूमते हुए पशु नजर आते हैं। इस इकलौते पार्क में पहले सैंकड़ों लोग सैर करने के लिए आते थे। लेकिन अब यहां आते हुए हर कोई डरता है।
पार्क के अंदर आवारा पशुओं ने भी बना लिया है अपना घर
गौरतलब है कि इस पार्क का सौंदर्यकरण करने के लिए पालिका ने करीब सवा दो करोड़ रूपए का टैंडर किया गया था। इस कार्य के ठेकदार ने पार्क में चारो ओर तोडफोड़ करके ढहा दिया और अब उसने यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया है कि उसकी पालिका द्वारा पेमैंट नहीं हो रही है। पार्क में पड़ा लाखों रूपए का सामान थोड़ा-थोड़ा करके चोर चुराकर ले जा रहे हैं। चोरी का सिलसिला तब जारी है, जब इस पार्क में चौंकीदार की तैनाती है। पार्क के अंदर आवारा पशुओं ने भी अपना घर बना लिया है। पार्क में सारा दिन खुलेआम आवार पशु घूमते हैं। पार्क के तालाब के अंदर जो किश्ती थी, उसमें किसी अज्ञात द्वारा आग लगा दी गई है।
पार्क के डस्टबिन टुटने के कारण चारो और गंदगी
पार्क के डस्टबिन टूटे हुए हैं, जिसके कारण चारों ओर गंदगी जमा हो गई है। पार्क की गंदगी को उठाने के लिए यहां पर एक टैंपू छोड़ा गया था। संभाल के अभाव में यह टैंपू खुद एक कबाड़ का रूप ले चुका है। इस पार्क के तालाब के पानी को सुखा दिया गया है और इसमें तैरने वाली सुंदर-सुंदर बत्तखों का जीवन संकट में है। आवारा कुत्ते उन्हें नौचने को दौड़ते हैं, लेकिन लोग उन्हें किसी तरह से बचाते हैं।
सफीदों प्रशासन का इस ओर नहीं है कोई ध्यान
पूर्व पालिका अध्यक्ष मनोज दीवान कहते हैं कि यह पार्क पहले ही अच्छा था और अब इससे सुंदर बनाने के नाम पर तहस-नहस कर दिया गया है। सफीदों प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। नगर के लोगों में इस पार्क की बदहाली को लेकर भारी रोष व्याप्त है। उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया कि वह इस पार्क की सुध ले।
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