श्रीनगर (एजेंसी)। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा है कि अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के दोनों बेटों ने अपने पिता को दफनाने के लिए कब्रिस्तान ले जाये जाने के दौरान साथ जाने से इनकार कर दिया, जिससे साफ जाहिर है कि अपने पिता के लिए प्रेम और सम्मान की तुलना में वे पाकिस्तान के एजेंडे के प्रति अधिक वफादार हैं। इससे पहले पुलिस ने अलगाववादी नेता के ‘गुस्ल’ से लेकर उन्हें हैदरपोरा कब्रिस्तान में दफनाये जाने तक की वीडियो की एक श्रृंखला जारी की। पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि गिलानी की मौत के तुरंत बाद कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) के. विजय कुमार, पुलिस अधीक्षक (एसपी) और सहायक पुलिस अधीक्षक के साथ गिलानी के दोनों बेटों से उनके हैदरपोरा स्थित आवास पर देर रात करीब 11 बजे मुलाकात की। पुलिस अधिकारियों ने उनके पिता के निधन पर शोक व्यक्त किया और कानून एवं व्यवस्था कायम रखने तथा आम जनता के व्यापक हित में रात में ही दफनाने का अनुरोध किया।
प्रवक्ता ने बताया कि गिलानी के दोनों बेटे पुलिस अधिकारियों की बात से सहमत हो गये और रिश्तेदारों के पहुंचने तक दो घंटे इंतजार करने को कहा। उन्होंने बताया कि आईजीपी कश्मीर ने व्यक्तिगत रूप से कुछ रिश्तेदारों से बात की और यह सुनिश्चित किया वे गिलानी के घर तक सुरक्षित पहुंच सके। उन्होंने कहा कि तीन घंटे बाद हालांकि संभवत: पाकिस्तान और उपद्रवियों के दबाव में उन्होंने (बेटों ने) अलग तरीके से व्यवहार करना शुरू कर दिया तथा पिता के शव को पाकिस्तान के झंडे में लपेटने, पाकिस्तान के पक्ष में जोरदार नारे लगाने और पड़ोसियों को बाहर आने के लिए उकसाने सहित राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का सहारा लेना शुरू कर दिया।
उन्होंने बताया कि बहुत मनाने के बाद परिजन शव को तड़के कब्रिस्तान ले कर गये और इंतिजामिया कमेटी के सदस्यों और स्थानीय इमाम की मौजूदगी में सम्मान के साथ उन्हें सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। प्रवक्ता ने कहा कि उनके दोनों बेटों के कब्रिस्तान जाने से इनकार करने से साफ जाहिर है कि अपने पिता के लिए प्रेम और सम्मान की तुलना में वे पाकिस्तान के एजेंडे के प्रति अधिक वफादार हैं। गिलानी के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया था कि उन्हें गिलानी को दफनाने से पहले गुस्ल और अन्य रस्में नहीं करने दी गर्इं। उन्होंने आरोप लगाया था कि पुलिस ने गिलानी का शव छीन लिया और परिवार के सदस्यों की भागीदारी के बिना उसे दफना दिया। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के उदारवादी धड़े तथा कई अन्य लोगों ने कथित पुलिस कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।
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