चंडीगढ़ (सच कहूँ ब्यूरो)। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक राज्य में कुल 500 राशन डिपो को ‘ग्राहक सेवा केंद्र’ में बदला जाएगा तथा इन्हें बैंकिंग क्षेत्र से जोड़ा जाएगा। चौटाला ने शुक्रवार को यहां बताया कि अभी तक पायलट योजना के तौर पर राज्य के दो जिलों करनाल और सरसा में इस योजना को शुरू किया गया है। राज्य में पायलट योजना के तौर पर पांच जिलों में चार बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के साथ मिलकर डिपो के माध्यम से सस्ती दरों पर लोगों को उनकी जरूरत का सामान उपलब्ध कराया जा रहा है। योजना के तहत करनाल, सरसा, फतेहाबाद, यमुनानगर, पंचकूला जिला में अभी तक 63 दुकानों को डाबर इंडिया लिमिटेड, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, मैरिको लिमिटेड, कोका-कोला, एल्प्रो कंज्यूमर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को जोड़ा गया था। अब यह योजना राज्य के सभी 22 जिलों में शुरू की जाएगी।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा दो जिलों करनाल और सिरसा में पायलट के तौर पर सात डिपों को बैंकों के साथ जोड़ने के लिये स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से समझौता किया गया है। बैंक ने डिपोधारकों को वित्तीय लेन-देन का प्रशिक्षण दिया है। उन्होंने बताया कि आठ हफ्ते में इन डिपो के माध्यम से जुलाई, 2021 के दौरान 24.40 लाख रुपए तथा अगस्त मास में लगभग 34.50 लाख रुपए का वित्तीय लेन-देन हुआ है।
चौटाला ने बताया कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में एक इको-सिस्टम बनाना है ताकि गांवों के गरीब लोगों को राशन डिपो अथवा उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से गुणवत्तापरक वस्तुएं वाजिब दर पर उपलब्ध कराई जा सकें। इस योजना से जहां राज्य में आय और रोजगार के अवसर पैदा होंगे वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बाजारों को मजबूती भी मिलेगी।
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