काबुल (एजेंसी)। तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख अब्दुल गनी बरादर नयी अफगान सरकार का नेतृत्व करेंगे। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक तालिबान मूवमेंट के दिवंगत संस्थापक के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब और तालिबान के प्रवक्ता शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई सरकार में वरिष्ठ पद संभालेंगे। इससे पहले तालिबान के सूत्रों ने जानकारी दी थी कि बरादार को विदेश मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है, जबकि याकूब रक्षा मंत्री बनेंगे।
कौन है मुल्ला अब्दुल गनी बरादर?
तालिबान की स्थापना मुल्ला मोहम्मद उमर ने की थी और उसका सबसे बड़ा सहयोगी था मुल्ला अब्दुल गनी बरादर। जिसका जन्म अफगानिस्तान के उरूजगान प्रांत में 1968 में हुआ था। हैबतुल्लाह अखुंदजादा और मुल्ला उमर के बेटे के बाद तालिबान में इसी का स्थान आता है और एक वक्त में पूरी दुनिया के लिए मोस्ट वांटेड आतंकवादी हुआ करता था। बरादर अब तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख है और उस शांति वार्ता दल का हिस्सा है, जिसे तालिबान ने दोहा में राजनीतिक समझौते की कोशिश करने के लिए भेजा था। आज भी तालिबान की तरफ से हर राजनीतिक बातचीत में मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ही हिस्सा लेता है। पिछले महीने भी ये चीन गया था, जहां इसने चीन के विदेश मंत्री के साथ साथ कई बड़े नेताओं के साथ मुलाकात की थी। तालिबान की राजनीति रणनीति क्या होगी, उसका फैसला मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ही करता है। हालांकि, अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया की कोशिश पूरी तरह से फेल रही है।
भारत, ब्रिटेन आतंकी पनाहगाह बनने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध : रॉब
नई दिल्ली। ब्रिटिश विदेश सचिव डॉमिनिक रॉब ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ बातचीत के बाद कहा कि दोनों ही देश अफगानिस्तान को आतंकी पनाहगाह बनने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं। रॉब ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने चर्चा की कि कैसे ब्रिटेन और भारत अफगानिस्तान के लोगों का समर्थन करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा,‘डा. जयशंकर के साथ आज चर्चा करके अच्छा लगा कि कैसे ब्रिटेन और भारत अफगानिस्तान के लोगों का समर्थन करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। हम अफगानिस्तान को आतंकवादी पनाहगाह बनने से रोकने, मानवीय दुर्दशा का जवाब देने और क्षेत्रीय स्थिरता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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