ऑटो अपील सॉफ्टवेयर ‘आस’ का सीएम मनोहर लाल ने किया लोकार्पण
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अच्छा काम करने वालों को मिलेगा रिवॉर्ड
सच कहूँ/अनिल कक्कड़, चंडीगढ़। प्रदेश में टाल-मटोल या रिश्वतखोरी के चलते जनता के काम को लटकाने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों को अब अपनी आदतों को सुधारना होगा, नहीं तो जुर्माना तो लगेगा ही, नौकरी भी जाएगी। इसके लिए सरकार ने बकायदा एक सॉफ्टवेयर लांच कर दिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को ‘ऑटो अपील सॉफ्टवेयर’ की शुरूआत की। इसकी मदद से लोगों को अब समय पर सेवाएं मिलेंगी। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई भी की जाएगी। जिस अधिकारी और कर्मचारी पर तीन बार जुर्माना होगा तो उसकी नौकरी भी जा सकती है।
देश में सबसे पहले हरियाणा लाया ‘ऑटो अपील सॉफ्टवेयर’
सीएम मनोहर लाल ने देश के पहले ‘आस’ सॉफ्टवेयर की लॉन्चिंग की। इस दौरान सीएम ने कहा कि ये बहुत क्रांतिकारी कदम साबित होगा। अब जनता को अधिकारियों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। समय सीमा के अंदर नोडल अधिकारी सेवा देगा, अगर नहीं देगा तो वो जिम्मेदार होगा। हर सेवा के लिये प्रावधान लागू कर दिया गया है। सीएम मनोहर लाल ने कहा कि हर सेवा के लिये अपील की व्यवस्था की गई है। अगर कोई सेवा नहीं हुई तो ऑटो अपील के जरिए ये उपर के अधिकारी के पास शिकायत जाएगी। इसलिये इस सिस्टम का नाम आस है। यानी की ये अब लोगों की नई आस बन गई है। कोई भी अधिकारी उल्लंघन करता है तो उस पर कार्रवाई भी होगी। जो काम पहले करता है उसको रिवार्ड भी दिया जाएगा।
ऐसे काम करेगा ऑटो अपील
ऑटो अपील सॉफ्टवेयर के तहत अगर किसी व्यक्ति का काम समय पर नहीं होता और वह काम सेवा का अधिकार अधिनियम के दायरे में आता है तो सॉफ्टवेयर के द्वारा आवेदन अपीलेट अथॉरिटी में चला जाएगा। अगर वहां भी काम नहीं होता तो आवेदन उससे बड़े अधिकारी के पास चला जाएगा। अगर इन दोनों स्तरों पर भी काम नहीं होता तो फिर आवेदन आयोग के पास आ जाएगा।
आठ से कम स्कोर तो भेजा जाएगा नोटिस
अन्त्योदय सरल पोर्टल पर राइट टू सर्विस का स्कोर 10 तक आता है। अगर किसी जिले का स्कोर आठ से नीचे होगा तो उसे अप्रशंसा नोट भेजा जाएगा, जबकि 9.5 से ऊपर होने पर हर महीने प्रशंसा-पत्र दिया जाएगा। उपायुक्तों से इसकी मासिक रिपोर्ट भी ली जाएगी।
277 सेवाएं हुई ऑनलाइन
मुख्यमंत्री के अनुसार इस समय 31 विभागों के 38 संगठनों की 546 अधिसूचित सेवाओं में से 277 सेवाएं अंत्योदय सरल पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन जबकि 269 सेवाएं ऑफलाइन प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने विभिन्न विभागों के प्रशासकीय सचिवों को निर्देश दिए कि बाकी सेवाओं को भी जल्द से जल्द ऑनलाइन किया जाए।
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