रक्षाबंधन पर बहनों ने इस तरह दिया भाई को जीवनदान
सच कहूँ/संजय मेहरा
गुरुग्राम। अक्सर भाई बहनों को राखी का तोहफा देते हैं, लेकिन यहां बहनों की ओर से दिया गया यह ऐसा तोहफा है जिसकी कोई कीमत नहीं लगा सकता। यह अनमोल तोहफा है। यहां दो बहनों ने अपने 14 साल के भाई को अपना आधा-आधा लीवर देकर उसकी जान बचाई है। देश में पहली बार किसी अस्पताल में इस तरह की सर्जरी की गई है।
बहनों का यह समर्पण समाज में उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो आज पैसों, प्रॉपर्टी के लिए अपनों का खून बहाते हैं या रिश्ते खत्म कर लेते हैं। बता दें कि यूपी के जिला बदायूं निवासी अक्षत (14) को पीलिया हुआ था। इस कारण उसका लीवर खराब होने लगा। अक्षत के लीवर में पानी भरने के कारण उसका वजन भी काफी बढ़ता गया। उसका वजन बढ़कर 85 किलो हो गया। लगातार उसकी सेहत गिरती चली गई।
ठीक होकर तीनों ने मनाया रक्षाबंधन पर्व
हालत नाजुक होने की स्थिति में अक्षत को यहां मेदांता मेडिसिटी में भर्ती कराया गया। डॉक्टर्स ने उसकी बीमारी की जानकारी लेकर संबंधित जांच कराई। इसके बाद उसकी डुअल लोब लीवर ट्रांसप्लांट करने का निर्णय लिया। मेदांता में लीवर ट्रांसप्लांट विभाग के चेयरमैन डा. अरविंद सिंह व डा. नीलम मोहन के मुताबिक अक्षत की इस सर्जरी में लोग लोगों के लीवर का आधा-आधा हिस्सा लेकर ट्रांसप्लांट किया जाना था।
अक्षत की बड़ी बहनों ने तुरंत लिया निर्णय
अपने भाई का जीवन बचाने को अक्षत की दो बड़ी बहनों नेहा (29) व प्रेरणा (22) ने अपने लीवर का आधा-आधा हिस्सा देने का तुरंत निर्णय लिया। बीती 12 अगस्त 2021 को चिकित्सकों ने इस जटिल सर्जरी को 15 घंटे में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। डा. अरविंद ने अभी तक अक्षत व उसकी दोनों बहनों को आॅब्जर्वेशन में रखा गया था। रक्षाबंधन पर कह दिया कि अब तीनों भाई-बहन ठीक हैं।
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