इसरो का पृथ्वी की निगरानी का सपना रह गया अधूरा
- तीसरे चरण में इंजन में आई खराबी
श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का पृथ्वी की निगरानी करने वाले उपग्रह ईओएस-03 का प्रक्षेपण तकनीकी खराबी के कारण पूरा नहीं हो सका। इसरो ने वीरवार को इसकी जानकारी दी। ईओएस-03 का प्रक्षेपण आज सुबह पांच बजकर 43 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से शुरू किया गया। पहले दो चरण ठीक तरीके से आगे बढ़े, लेकिन तीसरे चरण में इसके इंजन में खराबी आ गई। उपग्रह का उद्देश्य नियमित अंतराल पर बड़े क्षेत्र की वास्तविक समय पर तस्वीरें उपलब्ध कराना था, लेकिन प्रक्षेपण के बाद क्रायोजेनिक इंजन में तकनीकी खराबी आने के कारण यह मिशन सफल नहीं हो पाया।
इसरो के अध्यक्ष डॉ. के. सिवन ने ईओएस-03 का प्रक्षेपण शुरू होने के करीब 10 मिनट बाद मिशन कंट्रोल सेंटर के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि क्रायोजेनिक में तकनीकी खराबी आने के कारण मिशन पूरा नहीं किया जा सकता है। उपग्रह ईओएस-03 को जीएसएलवी-एफ10 के जरिये जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर आॅर्बिट में स्थापित किया जाना था। इसके बाद उपग्रह अपने आॅन-बोर्ड प्रपल्शन प्रणाली का इस्तेमाल करके भूस्थिर कक्षा में पहुंच जाता। इस उपग्रह के माध्यम से अंतरिक्ष से धरती की निगरानी करने कर लक्ष्य था, लेकिन इसरो का यह महत्वपूर्ण मिशन पूरा नहीं हो पाया। यह उपग्रह प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ किसी भी तरह की घटनाओं की त्वरित निगरानी करने में मदद करता।
इसरो ने इससे पहले 28 फरवरी को साल के अपने पहले मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। भारत का रॉकेट 28 फरवरी को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से पहली बार ब्राजील का उपग्रह लेकर अंतरिक्ष रवाना हो हुआ था। भारत के पीएसएलवी (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) सी-51 ने ब्राजील के अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों को लेकर श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी थी।
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