नई दिल्ली (सच कहूँ डेस्क)। पिछले कई महीनों से एलियंस के बारे में जानकारी आती रहती है। वैज्ञानिकों के अपने-अपने दावे करते रहते हैं। इस बीच एक वैज्ञानिक ने दावा किया कि एलियंस सितारों के जरिए एक दूसरे को संदेश भेजते हैं। इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों ने अपनी एक रिसर्च रिपोर्ट शेयर की है, जो सुर्खियों में है। इस रिसर्च पेपर में जो दावे किए गए हैं वो एलियंस को लेकर अब तक किए गए दावों से सबसे अलग है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, आसमान में चमकते जिन सितारों को हम निहारते हैं, उसका इस्तेमाल एलियंस आपस में कम्यूनिकेट करने के लिए करते हैं। साइंटिस्ट ने इस पेपर में लिखा कि एलियंस की तकनीक हमसे कहीं ज्यादा अलग और अच्छी है। वैसे आपको बता दें कि एलियंस के बारे में हमारे धर्मों के पवित्र ग्रन्थों में हजारों साल पहले लिखा हुआ है कि पृथ्वी के अलावा भी सैकड़ों अन्य ग्रहों पर जीवन है, जिसका उल्लेख पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने अपने सत्संगों में अनेक बार किया है।
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खुल सकते हैं दूसरे ग्रह पर जीवन के कई राज
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब तक वैज्ञानिकों को क्वांटम इनटैंगलमेंट की थ्योरी पर रिसर्च के लिए 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर्स का इंवेस्टमेंट मिल चुका है। माना जा रहा है कि इस प्रक्रिया की स्टडी से दूसरे ग्रह पर जीवन को लेकर बड़े राज खुल सकते हैं। इतना ही नहीं वैज्ञानिक इस स्टडी के जरिए इंसानों के लिए भी तकनीक विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं।
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इंसानों के लिए क्रांतिकारी होगी ये तकनीक
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वैज्ञानिकों के मुताबिक अगर क्वांटम इनटैंगलमेंट की तकनीक को विकसित कर लिया गया तो इसके जरिए कम्युनिकेशन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है। फिलहाल दूसरे ग्रह पर एलियंस की मौजूदगी है या नहीं इस पर अभी तक कोई स्पष्ट रिपोर्ट सामने नहीं आई है। हालांकि समय-समय पर दुनिया के अलग-अलग देशों में यूएफओ देखे जाने के दावे सामने आते रहे हैं।
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मंगल ग्रह पर अलौकिक शक्तियों के संकेत?
अमेरिकन अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पर्सर्वरेंस रोवर लगातार मंगल ग्रह पर नमूनों को जुटा रहा है और उन नमूनों को लेकर नासा के वैज्ञानिक रिसर्च करते हैं। इसी कड़ी में नासा अपने रोवर के जरिए मंगल के सतह पर छेद कर वहां के पत्थरों के नमूने इकट्ठे करने की कोशिश कर रहा था, जिसमें वैज्ञानिकों के हाथ बड़ी नाकामयाबी लगी है। रिपोर्ट के मुताबिक नासा का रोबोट रॉक नमूने एकत्र करने के अपने प्रारंभिक प्रयास में विफल रहा है। नासा के रोबोट ने अपने हिसाब से पत्थर के नमूने ही भेजा था, लेकिन वो नमूना पत्थर का नहीं था। नासा का मानना है कि जिस जगह पर पत्थर में ड्रिल किया जा रहा है, वहां पर अलौकित शक्तियों का निवास रहा होगा। वैज्ञानिकों के इस विश्वास के पीछे कई वजहें हैं।
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