चंडीगढ़। अश्वनी चावला
आगामी 15 अगस्त को तिरंगा हरियाणा में लहराने नहीं दिया जाएगा इस तरह की कोई भी कोशिश मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर करते हैं तो इसके गंभीर नतीजे भी निकल सकते हैं कुछ इसी प्रकार की धमकी अमेरिका में बैठे खालिस्तानी संगठन के कथित लीडर गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को दी है हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के निजी फोन पर इस तरह की कोई धमकी नहीं आई है परंतु हरियाणा वाह पंजाब के आम लोगों के फोन पर इस तरह की फोन कॉल आ रही है। जिस की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री दफ्तर में इसके जांच के भी आदेश जारी कर दिए हैं क्योंकि इस तरह की किसी भी धमकी को हल्के से नहीं लिया जा सकता है। हरियाणा प्रदेश से पहले इस तरह की धमकी हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी मिल चुकी है जिसको लेकर हिमाचल में पिछले 2 दिनों से काफी ज्यादा सर गर्मी चल रही है क्योंकि इन दिनों हिमाचल में विधानसभा का सत्र भी चल रहा है और ऐसे में इस तरह की धमकी आना गंभीरता से लिया जा रहा है।
ऐसी धमकियों से नही डरने वाले : खट्टर
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरपतवंत सिंह पन्नू के धमकी भरे फोन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके निजी फोन पर इस तरह की कोई भी धमकी नहीं आई है परंतु प्रदेश में रहते हैं लोगों के फोन पर इस तरह की धमकी आना सुरक्षा की दृष्टि से गंभीर है जिसको लेकर पुलिस अपना काम करेगी यहीं पर मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि वह ऐसी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं वैसे भी पन्नों का विषय काफी पुराना है और हरियाणा में इस तरह के किसी विषय को वह पनपने नहीं देंगे।
पंजाब को आती रही हैं ऐसी धमकियां
गुरपतवंत सिंह पन्नू की तरफ से इस तरह की धमकियां देना कोई नई बात नहीं है फलों द्वारा पहले भी इस तरह की धमकियां दी जा चुकी हैं पहले गुरपतवंतसिंह पन्नू के निशाने पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ही रहे हैं जिन्हें की लगातार फोन के जरिए इस तरह की धमकियां दी जाती रही है इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी शिकायत दर्ज कराई गई थी जिसके पश्चात केंद्र सरकार द्वारा इस मामले में कार्रवाई भी की गई है।
पंजाब में लगे थे खालिस्तानी झंडे
गुरपतवंत सिंह पन्नू की तरफ से धमकियां देने के साथ-साथ उन पर कार्रवाई भी की गई है पन्नू की तरफ से पंजाब में तिरंगे की जगह खालिस्तानी झंडा लगाने का ऐलान किया गया था इस ऐलान के पश्चात पंजाब के दो तीन जिलों में खालिस्तानी झंडा लगाया भी गया था।
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