नई दिल्ली। अपराध की दुनिया का कुख्यात नाम काला जठेड़ी अब पुलिस के शिकंजे में आ चुका है। पुलिस ने उसे उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया। दरअसल उसका असली नाम संदीप है और लेकिन रंग सांवला होने के चलते घर वाले ने काला नाम से पुकारने लगे। सोनीपत के रहने वाले इस शातिर बदमाश के साथ जठेड़ी नाम कब और कैसे जुड़ा, इससे तो पुलिस भी पर्दा नहीं उठा पाई। लेकिन पुलिस के पास उसके गुर्गों के कारनामों की लंबी फेहरिस्त है। सूत्रों के मुताबिक काला जठेड़ी दुबई और मलेशिया में रहकर भारत में अपने गैंग को चला रहा था। पुलिस रिकॉर्ड की मानें तो कुछ साल पहले संदीप उर्फ काला जठेड़ी की यारी कुछ बदमाशों से हुई। उस दौरान उसके खर्चे भी बढ़ गए थे। अपने खर्चे पूरे करने के लिए उसने झपटमारी का काम शुरू कर दिया। अपराध की दुनिया की दुनिया में रखने पर काला जठेडी के खिलाफ दिल्ली में पहला केस 29 सितंबर 2004 को दर्ज हुआ।
दरअसल उस दिन काला अपने साथी के साथ सिरसपुर में एक व्यक्ति का मोबाइल छीन कर भाग रहा था, लेकिन तभी पुलिस ने उसे रंगे हाथों काबू कर लिया। इस मामले में काला जठेड़ी के खिलाफ दिल्ली के समयपुर बादली में पहली एफआईआर दर्ज हुई थी। इसके बाद उसने अनेक वारदातों को अंजाम दिया। शुरूआत में काला जठेड़ी झपटमारी, लूटपाट और हत्या की कोशिश जैसी गुनाहों में शामिल था। लेकिन देखते ही देखते उसने अपनी गैंग खड़ा कर लिया और जबरन उगाही और विवादित संपत्तियों में दखल देने लगा। काला जठेड़ी पर दिल्ली पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित किया था। लेकिन अपराध की दुनिया में वो इतना कुख्यात हो गया कि हरियाणा पुलिस ने उसके ऊपर सात लाख का इनाम रख दिया। सागर हत्याकांड के बाद रेसलर सुशील कुमार ने सोनू महाल के मामा गैंगस्टर काला जठेड़ी को फोन भी किया था। इसी साल 4 और 5 मई की रात को काला जठेड़ी का भांजा सोनू महाल सागर धनखड़ के साथ मौजूद था। मारपीट में सोनू महाल भी घायल हुआ था।
बताया जा रहा है कि काला जठेड़ी लॉरेंस बिश्नोई गैंग को भी लीड कर रहा था और दिल्ली के अतिरिक्त राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहा था। दिल्ली के ज्यादातर बदमाशों को तो पुलिस ने तिहाड़ जेल पहुंचा दिया था। लेकिन काला जठेड़ी उसके हाथ नहीं लग रहा था। वो विदेश में बैठकर अपने गैंग को मजबूत करने के साथ-साथ गुर्गों की तादाद बढ़ा रहा था। बताया जाता है कि काला और लॉरेंस बिश्नोई के बीच मुलाकात नजफगढ़ के एक व्यक्ति ने करवाई थी और उसके बाद से ही काला लॉरेंस गैंग का कामकाज भी देखने लगा था। काला जठेड़ी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली है।
गौरतलब है कि गैंगस्टर काला जठेड़ी, फरवरी 2020 में फरीदाबाद से पुलिस हिरासत के दौरान भाग गया था। तब से पुलिस उसे तलाश कर रही थी। पुलिस के हत्थे चढ़े एक बदमाश नितीश कुमार ने पूछताछ में कबूल किया था कि काला जठेड़ी हरियाणा में ही छुपा है। उसने दूसरे गैंग और पुलिस को गुमराह करने के लिए ये अफवाह स्वयं ही फैलाई है कि वो विदेश से अपने गैंग को संचालित कर रहा है।
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