चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा नवजोत सिद्धू के बीच चल रही जंग के बीच आलाकमान के फैसले का लिफाफा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को सौंप शनिवार अपराह्न दिल्ली लौट गये। रावत का कहना है कि मुख्यमंत्री की आशंकाओं को दूर कर दिया गया है तथा हम दोनों के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत हुई है।
वह आलाकमान की चिट्ठी देकर जा रहे हैं। रावत के दो दिन पहले श्री सिद्धू को पंजाब कांग्रेस की कमान सौंपे जाने के बयान पर कैप्टन खेमे में बवाल मच गया और कैप्टन सिंह ने आलाकमान को एक चिट्टी लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी लेकिन कल श्रीमती गांधी ने सिद्धू को दिल्ली बुलाकर मीडिया में कुछ भी न बोलने को कहा ताकि पार्टी को नुक्सान पहुंचाने की कोई बात न की जाये । उसके बाद आज रावत को अपने फैसले के साथ चंडीगढ़ भेजा।
क्या है मामला
दोपहर यहां पहुंच रावत ने मुख्यमंत्री से लंबी बात की और श्रीमती गांधी का फरमान सुनाया जिससे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान न हो। इसलिये बीच का रास्ता निकाला गया और जिसे मुख्यमंत्री को मानना पड़ा। हालांकि कैप्टन सिंह और सिद्धू में पिछले दो सालों से अंदरखाते खींचतान चल रही थी। वैसे तो कैप्टन सिंह सिद्धू को कभी नहीं चाहते थे। दोनों के बीच लंबे समय से चली आ रही तकरार इतनी बढ़ गयी कि आलाकमान को भी माथापच्ची करनी पड़ी। दोनों तरफ से एक दूसरे पर शब्दबाण चलते रहे। चुनाव को नजदीक देख कांग्रेस को नुकसान से बचाने के लिये मैराथन बैठकों का दौर चला और अंतत: इस विवाद का पटाक्षेप आज हो गया।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, linked in , YouTube पर फॉलो करें।