शुक्रवार को दिन का तापमान 33 डिग्री सेल्सियस किया गया दर्ज
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शनिवार और रविवार को आकाश में हल्के बादल रहने का पूर्वानुमान
सच कहूँ/सुनील वर्मा, सरसा। मानसून पूरे उत्तर भारत में सक्रिय हो चुका है। कई जगह अच्छी बारिश भी हो चुकी है लेकिन सरसा और साथ लगते जिलों में मानसून धोखा दे रहा है। किसानों की उम्मीद के अनुरूप पर्याप्त बरसात न होने के कारण उन्हें धान की रोपाई और कपास की फसल में परेशानी आ रही है। आम जनमानस में भी बरसात न होने को लेकर बेचैनी का माहौल है। शुक्रवार दोपहर 1 बजे बरसात होने की संभावना मौसम विभाग ने जाहिर की थी। आकाश में बादलों का डेरा भी बना लेकिन बरसात नहीं हुई।
शनिवार और रविवार को आकाश में हल्के बादल रहने का पूर्वानुमान है जिससे तापमान में गिरावट लेकिन उमस की आशंका है। सोमवार से लेकर वीरवार तक बरसात रहने का पूर्वानुमान मौसम विभाग ने किया है। इस दौरान तापमान काफी गिरने की संभावना है। आज दिन का तापमान 33 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जबकि आर्द्रता 66 प्रतिशत रही। हवाआें की रफ्तार 13 किलोमीटर प्रतिघंटा रही। आज सरसा का अधिकतम तापमान 36 डिग्री रहा जो बाद में घटकर 33 डिग्री तक आ गया। कल तापमान और बढ़ने की आशंका मौसम विभाग की तरफ से जाहिर की गई है। हवाओं का रुख लगातार पलटने के कारण बारिश होने या न होने को लेकर कोई सही जानकारी नहीं मिल पा रही।
बारिश हुई तो मिलेगी राहत
अभी सावन का महीना शुरू नहीं हुआ है लेकिन जुलाई का उत्तरार्द्ध होने तक बरसात हो जाती है। सरसा में अभी एकाध बारिश ही हुई है। धान की रोपाई का सीजन चल रहा है इसलिए किसानों को पानी की बहुत आवश्यकता है। अगर बरसात हो जाए तो धान की फसल को बहुत फायदा होगा। इसी प्रकार कपास की फसल को भी लाभ पहुंचेगा। तापमान अधिक होने के कारण फसलें जलने लगती हैं। लोगों को भी भीषण गर्मी में तपना पड़ रहा है। सख्त धूप के कारण कोई काम नहीं हो पा रहा।
जलाशय सूखे, पशुओं का दूध भी
लगातार गर्मी और सख्त धूप पड़ने की वजह से सभी ताल तलैया सूख गए हैं। पशु पक्षियों के लिए भी ये दिन किसी आफत से कम नहीं हैं। गर्मी के कारण पशुओं ने दूध देना कम कर दिया है जिससे दूध और दूध से बनी चीजों के उत्पादन में कमी आ रही है वहीं इनके रेट भी बढ़ गए हैं। घुटन भरे माहौल में लोगों के लिए बेहद बेचैनी का समय है।
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