बुक बैंक स्थापित, मिलेगी पुस्तकों की सहायता
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शिक्षकों व समाजसेवियों ने की पहल
सच कहूँ/सुनील वर्मा, सरसा। समाज में बार बार अनेक ऐसे मामले सामने आते हैं जब शैक्षिक रूप से मेधावी बच्चों के पांवों में निर्धनता अपनी बेड़ियां डाल देती है जिससे वे शिक्षा क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ पाते। समाज व देश के लिए मजबूत नींव बनने वाली शिक्षा प्रतिभा निर्धनता के अभिशाप में जकड़कर सिसक सिसककर दम तोड़ जाती है, मगर शायद अब ऐसी परिस्थितियों पर अंकुश लग पाएगा क्योंकि शहर के चंद शिक्षकों व समाजसेवियों ने ऐसी प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए संकल्प लिया है। निर्धनता के कारण शिक्षा अर्जित न कर पाने वाले नौवीं से दस जमा दो कक्षा तक के विद्यार्थियों को अब पुस्तकों व स्टेशनरी के रूप में सहायता मिलेगी जिससे उम्मीद है कि ये मेधावी बच्चे निसंकोच होकर शैक्षणिक क्षेत्र में अपना लक्ष्य हासिल कर पाएंगे।
आरंभ में मिलेगी पुस्तकों व स्टेशनरी की सहायता
सरसा की श्रीगौशाला में अस्थाई तौर पर आरंभ हुए बाबा सरसाईनाथ बुक्स बैंक वैल्फेयर ट्रस्ट की ओर से आरंभिक चरण में नौवीं से दस जमा दो कक्षा तक ऐसे किसी भी मेधावी मगर निर्धन बच्चे की पुस्तकों के रूप में सहायता की जाएगी जो इन कक्षाओं के लिए धनाभाव में पुस्तकें भी नहीं खरीद पाते। इस ट्रस्ट में फिलहाल 13 ट्रस्टी और करीब 25 सदस्य पूरी कर्मठता एवं लग्नशीलता से कार्यरत हैं। इस ट्रस्ट के पास जिस किसी भी बच्चे का आवेदन आ रहा है, उसकी वैरिफिकेशन के बाद उसे सहायता दी जा रही है। वर्तमान में ट्रस्ट के पास 100 बच्चों को एक साथ सहायता देने के लिए पुस्तकों का भंडारण हो चुका है।
स्नातक कक्षाओं के बच्चों की भी होगी मद्द
ट्रस्ट पदाधिकारियों की योजना है कि एकबारगी नौवीं से दस जमा दो के बच्चों की सहायता के बाद ट्रस्ट अपने लक्ष्य को बढ़ाए और बीए, बीएससी जैसी कक्षाओं के गरीब बच्चों की पुस्तकों, स्टेशनरी व फीस आदि के रूप में भी सहायता कर सके। ट्रस्ट की इस अनूठी पहल पर शहर के अनेक दानी सज्जन भी बढ़ चढ़कर इस पुनीत कार्य में अपनी पूंजी देकर आर्थिक सहायता कर रहे हैं।
‘‘ट्रस्ट की ओर से आरंभ की गई इस पहल का समाज का हर वर्ग प्रशंसा कर रहा है और अपने स्तर पर हर मुमकिन सहायता भी कर रहा है। समाज से मिल रहे प्यार और सहयोग की बदौलत ट्रस्ट अपने लक्ष्य को समय के साथ-साथ आगे ही बढ़ाएगा और किसी भी मेधावी निर्धन बच्चे को पुस्तकों, स्टेशनरी व फीस के रूप में पढ़ाई से पीछे नहीं रहने दिया जाएगा। बतौर शिक्षक इस उत्तम विचार को अमलीजामा पहनाया है जिसमें अनेक शिक्षकों व समाजसेवियों का सेवा समर्थन भी हासिल हो रहा है।
गुरदीप सैनी, अध्यक्ष, बाबा सरसाईनाथ बुक्स बैंक वैल्फेयर ट्रस्ट, सरसा।
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