नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। कोरोना संक्रमण का नया स्वरूप डेल्टा वेरिएंट दुनिया के कई देशों में इसके मामले आए हैं। डेल्टा वेरिएंट पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन चुका है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह इतना खतरनाक है कि इस पर कोरोना वैक्सीन का भी असर नहीं हो पाता। इस बीच डेल्टा वेरिएंट को लेकर एक स्टडी की गई, इसमें पाया गया कि यह वेरिएंट एल्फा वेरिएंट के मुकाबले 60 फीसदी ज्यादा संक्रामक है। स्टडी में यह भी पता चला कि इस वेरिएंट से संक्रमण फैलने का खतरा सबसे ज्यादा है। स्कोटिश रिसर्चर्स ने पिछले महीने इस पर विस्तार से अध्ययन किया है। उन्होंने पाया कि इस वेरिएंट से बुजुर्गों में संक्रमण फैलने का खतरा बहुत ज्यादा है। वहीं, पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने अपने अध्ययन में पाया था कि इस वेरिएंट का असर बच्चों और युवाओं में भी देखने को मिल सकता हे।
कंपनी का दावा : वेरिएंट के खिलाफ 90 फीसदी कारगर है वैक्सीन
अब इन सब के बीच राहत की खबर यह है कि जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी ने दावा किया है कि उनकी वैक्सीन कोरोना के डेल्टा वेरिएंट को बेअसर करने में असरदार है। कंपनी ने कहा है कि इसकी सिंगल डोज वैक्सीन कोरोना के डेल्टा वेरिएंट और अन्य वेरिएंट पर असरदार है। पीएचई ने कहा कि फाइजर और एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाई गई कोविड -19 वैक्सीन कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 90 फीसदी से अधिक सुरक्षा प्रदान करती है। पुणे के इंडियन काउंसिल आॅफ मेडिकल रिसर्च- नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ वायरोलॉजी के रिसर्चर्स ने दावा किया है कि भारत बायोटेक का को-वैक्सीन के डेल्टा और बीटा वेरिएंट को बेअसर करने में भी कारगर है।
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