नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। तेल विपणन कंपनियों ने दो दिन के अंतराल के बाद शुक्रवार को पेट्रोल के दाम फिर बढ़ा दिए जिससे पहली बार मुंबई में इसकी कीमत 105 रुपए, चेन्नई में 100 रुपए और दिल्ली तथा कोलकाता में 99 रुपए प्रति लीटर के पार पहुँच गई। डीजल की कीमत लगातार तीसरे दिन स्थिर रही। देश के चार बड़े महानगरों में आज पेट्रोल 40 पैसे तक महँगा हुआ। अग्रणी तेल विपणन कंपनी इंडियन आॅयल कॉपोर्रेशन के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 35 पैसे बढ़कर 99.16 रुपए प्रति लीटर के अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुँच गई। डीजल 89.18 रुपए प्रति लीटर पर अपरिवर्तित रहा। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने का मौजूदा सिलसिला 04 मई को शुरू हुआ था। मई और जून में पेट्रोल 8.41 रुपए और डीजल 8.45 रुपए महँगा हुआ था।
कोलकाता में पेट्रोल 40 पैसे महँगा
मुंबई में पेट्रोल 34 पैसे महँगा होकर 105.24 रुपए प्रति लीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया। डीजल 96.72 रुपए प्रति लीटर पर स्थिर रहा। चेन्नई में भी पेट्रोल सौ रुपए के पार निकल गया। वहाँ इसकी कीमत 33 पैसे बढ़कर 100.13 रुपए प्रति लीटर हो गई जबकि डीजल 93.72 रुपए प्रति लीटर पर टिका रहा। कोलकाता में पेट्रोल 40 पैसे महँगा होकर 99.04 रुपए प्रति लीटर पर पहुँच गया। वहाँ डीजल 92.03 रुपए प्रति लीटर पर स्थिर रहा। पेट्रोल-डीजल के मूल्यों की रोजाना समीक्षा होती है और उसके आधार पर हर दिन सुबह छह बजे से नयी कीमतें लागू की जाती हैं।
देश के चार महानगरों में आज पेट्रोल और डीजल के दाम इस प्रकार रहे:-
शहर पेट्रोल डीजल
- दिल्ली 99.16 89.18
- मुंबई 105.24 96.72
- चेन्नइ 100.13 93.72
- कोलकाता 99.04 92.03
- श्रीगंगानगर 109.710 101.77
मुझे लगता है कि ये सवाल आज से सात साल पहले भी पूछा जाना चाहिए था और इसलिए पूछा जाना चाहिए था, क्योंकि तब 24 घंटे 240 रिपोर्टर देश के अलग-अलग शहरों से रिपोर्ट करते थे कि कैसी कमर तोड़ महंगाई है। मीडिया को आम आदमी के मुद्दे को जरूर उठाना चाहिए।
-कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत
पेट्रोलियम उत्पादों से केंद्र ने कमाया 4.51 लाख करोड़ का टैक्स रेवेन्यू!
कोरोना संक्रमण के भीषण प्रकोप वाले वित्तीय वर्ष 2020-21 में पेट्रोलियम उत्पादों पर सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क के रूप में केंद्र सरकार का अप्रत्यक्ष कर राजस्व लगभग 56.5 प्रतिशत बढ़कर कुल 4,51,542.56 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। यह खुलासा सूचना के अधिकार (आरटीआई) से ऐसे वक्त हुआ है, जब पेट्रोल-डीजल की कीमतों के आसमान छूने के कारण इन ईंधनों पर केंद्र और राज्य सरकारों के कर-उपकर घटाने की मांग जोर पकड़ रही है।
नीमच के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ के अनुसार, वित्त मंत्रालय से जुड़े प्रणाली और आंकड़ा प्रबंधन महानिदेशालय (डीजीएसडीएम) ने उनकी अर्जी पर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी दी कि 2020-21 में पेट्रोलियम पदार्थों के आयात पर 37,806.96 करोड़ रुपये का सीमा शुल्क वसूला गया, जबकि देश में इन पदार्थों के विनिर्माण पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क के रूप में 4,13,735.60 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा हुए।
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