मुंबई। बारिश के दौरान आसमानी बिजली गिरने से देश में हर साल 2,000 से अधिक लोगों मौत का शिकार हो जाते हैं। ये खुलासा किया है आईएमडी और एनडीएमए के शीर्ष विशेषज्ञों ने। भारतीय मौसम विज्ञान सोसायटी द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय कार्यशाला में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य राजेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले कुछ सालों में बिजली गिरने से मौतों की संख्या और नुक्सान में इजाफा हुआ है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक, मृत्युंजय महापात्र कहते हैं कि इसकी चपेट में ज्यादातर किसान, मछुआर और मजदूर आते हैं, जो आजीविका के कारणों से बाहर रहते हैं।
वैज्ञानिकों ने 2018 में एक बिजली चेतावनी प्रणाली विकसित की गई थी, जिसमें किसी इलाके में आसमान में गरज, प्रकाश की कौंध आंधी, तेज हवाओं या ओलावृष्टि की घटना के बारे में 48 घंटे पहले पूर्वानुमान लगाना संभव हुआ। इसके अतिरिक्त आईएमडी के पास देशभर में लगभग 30 रडार हैं, जो हर 10 मिनट में मौसम अपडेट प्रदान करते हैं, साथ ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के उपग्रह इन्सैट-3 डीआर से हर 15 मिनट में संवहनी बादलों के बारे में जानकारी देते हैं। देश अब संभावित खतरों के बारे में लोगों को सचेत करने के लिए हर 5 मिनट में बिजली के बारे में ‘रियल-टाइम’ जानकारी अपडेट करने में सक्षम है।
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