नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने से सरकार के इंकार करने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सोमवार को कहा कि मोदी सरकार का महामारी की शुरूआत से ही जनता के प्रति क्रूर रवैया रहा है। गांधी ने कहा कि कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए सुविधाओं की भारी कमी रही है जिसके कारण बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है। उनका कहना था कि एक तरफ इलाज के अभाव में लाखों लोगों ने कोरोना के कारण दम तोड़ा तो दूसरी तरफ सरकार मृतकों की संख्या को लेकर झूठे आंकड़े देकर अपनी क्रूरता का परिचय देती रही है। गांधी ने ट्वीट किया, ‘जीवन की कीमत लगाना असंभव है- सरकारी मुआवजा सिर्फ़ एक छोटी सी सहायता होती है लेकिन मोदी सरकार ये भी करने को तैयार नहीं। कोविड महामारी में पहले इलाज की कमी, फिर झूठे आँकड़े और ऊपर से सरकार की क्रूरता।
क्या है पूरा मामला
केंद्र सरकार ने कल ही सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में कहा कि कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए का मुआवजा नहीं दिया सकता है। कोरोनो बीमारी (कोविड-19) से मरने वालों के परिवार के सदस्यों को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग वाली याचिकाओं के जवाब में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यह हलफनामा दायर किया। कोरोना संक्रमण के चलते मरने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। इसके बाद केंद्र ने हलफनामा दायर कर कहा कि वह मृतक के परिजनों को मुआवजे की राशि का भुगतान नहीं कर सकता, क्योंकि यह एक बड़ी वित्तीय देनदारी होगी।
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