तेहरान। ईरान में कल शुक्रवार को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में कट्टर मौलवी इब्राहिम रायसी का जीतना तय माना जा रहा है। संसद के अनुसंधान केन्द्र के प्रमुख अलीरेजा जकानी के राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने के बाद रायसी की दावेदारी और भी पक्की हो गई। रायसी को बेहद क्रूर कहा जाता है।
कैदियों को पहाड़ों से फेंका था
‘द सन’ की रिपोर्ट के अनुसार, कट्टरपंथी मौलवी इब्राहिम रायसी ने कुछ साल पहले कथित तौर पर गर्भवती महिलाओं को यातना देने का आदेश दिया था। इतना ही नहीं उसके आदेश पर कैदियों को पहाड़ों से फेंक दिया गया था और मासूम लोगों की बिजली की तारों से पिटाई भी की गई थी। रायसी 1988 में सामूहिक नरसंहार के फैसले से भी जुड़े रहे हैं।
1988 का वो खौफनाक पल
न्यायपालिका के प्रमुख रहे इब्राहिम रायसी ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई के करीबी माने जाते हैं। यही वजह है कि ईरान में उनका काफी दबदबा है। हालांकि, मानवाधिकार कार्यकर्ता मानते हैं कि यदि रायसी के देश का राष्ट्रपति बनते हैं तो हालात और भी खराब हो जाएंगे। 1988 के सामूहिक नरसंहार में रायसी ने मुख्य भूमिका निभाई थी। 1980 में महज 20 साल की उम्र में रायसी को तेहरान के पश्चिम में करज की क्रांतिकारी अदालत का अभियोजक नियुक्त किया गया था और 1988 में उन्हें प्रमोट करके डेप्यूटी प्रॉसीक्यूटर बना दिया गया।
30 हजार लोगों को उतारा गया था मौत के घाट
इसके बाद रायसी को चार सदस्यों की उस समिति का हिस्सा बनाया गया, जिसे ईरान पीपुल्स मुजाहिदीन संगठन के कैद कार्यकर्ताओं की हत्या की जिम्मेदारी दी गई थी। जिसके तहत ईरान की जेलों में बंद तकरीबन 30 हजार लोगों को गोलियों से भून दिया गया, इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। बता दें कि इस नरसंहार के चलते पूरी दुनिया ने ईरान की आलोचना की थी।
फरीद गौदरज़ी ने सुनाई दास्तां
रायसी की क्रूरता की शिकार रही फरीद गौदरज़ी कहती हैं कि जब वो आठ महीने की गर्भवती थीं, तब ईरान के अफसरों ने उसे पीएमओआई के समर्थन का आरोप लगाते हुए उठा लिया था और कई दिनों तक यातनाएं दी थीं। फरीद गौदरजी ने ‘द सन’ को उन्होंने बताया कि 21 साल की उम्र में उसे गिरफ्तार किया गया था। पहली बार इब्राहिम रायसी को तब देखा था जब मुझे घसीटते हुए कोर्ट में पेश किया गया था।
कोर्ट ही थी टॉर्चर रूम
फरीद ने बताया कि उसे अदालत के बेसमेंट में बने एक भयावह टॉर्चर रूम में ले गए, जहां चारों ओर खून ही खून था। उसे रोजाना भीषण यातनाएं दी जाती, यह जानते हुए भी कि वो गर्भवती है। फरीद के पति और भाई को पुलिस ने फांसी पर लटका दिया था। फरीद गौदरज़ी कहती हैं कि इब्राहिम रायसी कसाई है। उसका मानना है कि यदि रायसी राष्टÑपति बनते हैं तो देश में मानवाधिकार के हालात बेहद खराब हो जाएंगे।
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