नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। लोजपा में जारी विवाद के बीच चिराग पास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। इस दौरान उन्होंने पार्टी में चल रही उठापटक को लेकर अपना पक्ष रखा है। चिराग पासवान ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि जेडीयू द्वारा हमारी पार्टी को तोड़ने का प्रयास निरंतर किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान, उससे पहले भी, उसके बाद भी कुछ लोगों ने पार्टी को तोड़ने का प्रयास किया था। मेरी पार्टी के पूरे समर्थन के साथ मैंने चुनाव लड़ा। कुछ लोग संघर्ष के रास्ते पर चलने के लिए तैयार नहीं थे।
मेरे चाचा ने खुद चुनाव प्रचार में कोई भूमिका नहीं निभाई। मेरी पार्टी के कई और सांसद अपने व्यक्तिगत चुनाव में व्यस्त थे। उन्होंने कहा कि ऐसी खबरें आई कि मुझे पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। पार्टी के संविधान के अनुसार, राष्टÑीय अध्यक्ष को केवल तभी हटाया जा सकता है जब उसकी मृत्यु हो या वो इस्तीफा देता है। उन्होंने कहा कि यह सारा घटनाक्रम तब हुआ जब मैं बिमार था। मैंने उस समय अपने चाचा से बात करने की भी कोशिश की लेकिन मैं असफल रहा। उन्होंने कहा कि अगर चाचा बोलते तो मैं उन्हें संसदीय दल का नेता बना देता।
चिराग ने बिरला से निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया
लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से पशुपति कुमार पारस को संसदीय दल का प्रमुख बनाने के पार्टी सांसदों के प्रस्ताव को मंजूरी देने के अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने तथा उन्हें (पासवान को) संसदीय दल का नेता नियुक्त करने का आग्रह किया है। पासवान ने बिरला को पत्र लिख कर कहा है कि पार्टी संविधान के अनुसार संसदीय दल के नेता का चुनाव संसदीय बोर्ड करता है। पशुपति कुमार पारस को संसदीय बोर्ड ने नेता नहीं चुना है और पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने उन्हें दल से बाहर कर दिया है।
क्या है मामला:
उल्लेखनीय है कि लोजपा के छह सांसदों में से चार ने पारस को संसदीय दल का नेता बनाने को लेकर बिरला को पत्र लिखा था। बाद में पारस को नेता नियुक्त कर दिया था।
एलजेपी के अध्यक्ष पद से हटाए गए चिराग पासवान
इससे पहले लोजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक मंगलवार को संसदीय दल के नेता पशुपति कुमार पारस के आवास पर हुई। बैठक में सर्वसम्मति से चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया गया। उनकी जगह सूरजभान सिंह को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष को यह निर्देश दिया गया कि वह 5 दिन के अंदर राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाएं। पार्टी पर अपना प्रभाव बनाए रखने की कोशिशों के तहत चिराग पासवान सोमवार को जब दिल्ली में अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के घर पहुंचे थे तब मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि वह एक प्रस्ताव लेकर गए थे जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से उनके इस्तीफे की पेशकश के साथ ही उनकी मां रीना पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग शामिल थी।
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