जज्बा: न जमीन है न पूंजी, मेहनत व लगन से लगाए फार्म, मशरूम बनी कुंभकारों का व्यवसाय (Julana Khumbi Mushroom)
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सरकार द्वारा नहीं दी जा रही कोई भी सहायक राशि
सच कहूँ/कर्मवीर जुलाना। न ही घर की जमीन थी और न ही पूंजी, मेहनत व लगन से काम किया और खुंबी के कई फार्म लगा लिए। उत्पादन में बढ़ोतरी हुई और जुलाना की खुंबी(मशरूम) दिल्ली की मंडियों में जाने लगी। जुलाना क्षेत्र के लाइनपार कॉलोनी में बसे कुंभकारों के लिए खुंबी अब उनका व्यवसाय बन चुकी है। 7-8 वर्ष पहले जो परिवार खुंबी की सब्जी तक नहीं बनाना जानते थे आज वहीं परिवार खुंबी उगाने में महारथ हासिल कर चुके है। उनके द्वारा उगाई जा रही खुंबी जींद, रोहतक व दिल्ली की मंडियों में बिक रही है। हर वर्ष उनके द्वारा कई लाख रुपये की खुंबी का उत्पादन किया जा रहा है। वहीं खुंबी उत्पादन में लगे इन लोगों का कहना है कि सरकार द्वारा उनका कोई सहायता राशि भी नहीं दी जा रही है। उन्हें खुंबी उगाने के लिए सरकार द्वारा दी गई सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता।
खुंबी का उत्पादन कम व ज्यादा होने से भी भाव में उतार-चढ़ाव हो रहे हैं क्योंकि तीन वर्ष पहले उनके द्वारा उगाई गई खुंबी 150 से 175 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकी थी। उस समय खुंबी का उत्पादन कम था मगर आज कल खुंबी उत्पादकों की संख्या ज्यादा होने के कारण मंडियों में खुंबी का भाव 100 रुपये प्रति किलो के आसपास चल रहा है।
-हवा सिंह, खुंबी उत्पादक
ठेके पर लेकर जमीन बनाए खुंबी फार्म
काबिलेगौर है कि इनके पास न पर्याप्त मात्रा में पूंजी है और न ही जमीन। फिर भी उनकी लगन व मेहनत के चलते हर वर्ष खुंबी उत्पादन में बढ़ोतरी की जा रही है। बीपीएल परिवार होने के बाद भी उनकी मेहनत व लगन देखकर हर कोई हाथ मलता रह जाता है। ठेके पर जमीन लेकर उन्होंने अपने खुंबी फार्म बनाए हुए हैं। कई क्विंटल खुंबी वे हर रोज दिल्ली, रोहतक, जींद आदि शहरों में सप्लाई करते हैं और इसके सहारे ही अपनी आजीविका चलाते हैं।
शौक को बदला व्यवसाय में
जुलाना की लाइनपार कॉलोनी में एक दर्जन परिवार से भी ज्यादा लोग इन दिनों खुंबी उत्पादन के कार्य में जुटे हुए है। करीब 7-8 वर्ष पहले लाइन पार निवासी हवा सिंह ने एक रिश्तेदार के उगी खुंबी को देखकर शौक में एक छोटा-सा फार्म तैयार कर खुंबी उगाने का कार्य किया था। इसके बाद उसने दो-तीन साल तक खुंबी का अच्छा उत्पादन किया। उन्होंने बताया कि एक बार खुंबी की फसल लगाने के बाद उससे 3 या 4 बार फसल को प्राप्त किया जाता है क्योंकि एक बार फसल प्राप्त करने के बाद दोबारा फिर अंकुर फूटने से 3 से 4 बार तक फसल को प्राप्त किया जाता है। हर वर्ष खुंबी उगाने वाले फार्मों में बढ़ोतरी हो रही है।
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