7 साल पहले तक प्रति व्यक्ति आय, निवेश, रोजगार सृजन जैसे विकास के तमाम पैमानों में पहले स्थान पर रहा हरियाणा अब पहुंचा 14वें स्थान पर
सच कहूँ/अनिल कक्कड़, चंडीगढ़। राज्य सभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि भारत सरकार के नीति आयोग ने हरियाणा सरकार के उन सभी दावों पर सवाल उठाया, जिनमें प्रदेश के चहुंमुखी विकास का बखान किया जा रहा था। हुड्डा ने दावा किया कि नीति आयोग द्वारा राज्यों की तरक्की के जो प्रमुख मापदंड तय किये गए थे, उनमें हरियाणा पिछड़ गया है। आर्थिक वृद्धि और उद्योगों से जुड़े मानकों में हरियाणा का स्थान गिरा है, जिसके चलते प्रदेश में बेरोजगारी दर साल 2019 के मुकाबले और ज्यादा बढ़ गई है।
मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स में रोजगार घटा है। जबकि, राजनितिक और भौगोलिक परिस्थिति के हिसाब से हरियाणा में बेरोजगारी दर देश में सबसे कम होनी चाहिए। इसके विपरीत अपराधों में बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि नीति आयोग द्वारा तय भुखमरी खत्म करने के मानक में मामूली सुधार हुआ है, जिसका श्रेय सरकार को नहीं, उन किसानों को जाता है, जिनको राहत देने की बजाय आये दिन सरकार उन पर लाठियां बरसा रही है।
सांसद दीपेन्द्र ने कहा कि 7 साल पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के दौरान प्रति व्यक्ति आय, निवेश, रोजगार सृजन और बड़ी परियोजना की स्थापना जैसे विकास के तमाम पैमानों के हिसाब से हरियाणा पहले पायदान पर था। दु:ख की बात ये है कि वही हरियाणा आज बेरोजगारी और अपराध में नंबर 1 बन गया है। नीति आयोग की रिपोर्ट में हमारा प्रदेश पहले स्थान से नीचे खिसक कर 14वें स्थान पर पहुँच चुका है। दीपेन्द्र हुड्डा ने यह भी जोड़ा कि बेरोजगारी का सीधा रिश्ता अपराध से है। हरियाणा में जिस तेजी से बेरोजगारी बढ़ रही है उसी तेजी से अपराध भी बढ़ रहे हैं।
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