नई दिल्ली। ट्विटर ने शुक्रवार को पहले उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का निजी ट्विटर अकाउंट से वेरीफाइड अकाउंट का साइन यानि ब्लू टीक हटा दिया था। इसके बाद सरकर के सख्त रूख को देखते हुए फिर से ‘वेरिफाई’ कर दिया। ब्लू टिक हटने को लेक ट्विटर इंडिया ने सफाई दी कि लंबे समय से इस अकाउंट के लॉग इन नहीं होने के चलते ऐसा हुआ है। हालांकि वेरिफाई साइन हटाने के कुछ ही घंटे बाद इसे वापिस कर दिया गया। वहीं सूत्रों का कहना है कि उपराष्ट्रपति सहित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े पदाधिकारियों के अकाउंट से ब्लू टिक हटने से केन्द्र की मोदी सरकार नाराज है। कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार ट्विटर के खिलाफ कोई बड़ा एक्शन भी ले सकती है। वहीं बताया जा रहा है कि आईटी मंत्रालय ट्विटर की इस हरकत बेहद खफा है और कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है।
दरअसल ट्विटर ने उपराष्ट्रपति एम. वेकैंया नायडू के अकाउंट को अनवेरिफाइड कर दिया। कंपनी ने वाइस प्रेजीडेंट के पर्सनल ट्वीटर हैंडल से वेरिफाइड ब्लू टिक वाले बटन को हटा दिया। हालांकि, उपराष्ट्रपति @MVenkaiahNaidu के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ब्लू टिक है और इसके 9.3 लाख फोलोअर्स हैं। जबकि वेंकैया नायडू के पर्सनल ट्विटर हैंडल पर 1.3 लाख फॉलोअर्स हैं।
गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के पर्सनल अकाउंट को 13 लाख लोग फॉलो करते हैं जबकि वे इस अकाउंट से मात्र 11 लोगों को फॉलो करते हैं। इस ट्विटर अकाउंट से उन्होंने पिछले 11 माह से कोई ट्विट भी नहीं किया। इस अकाउंट से 23 जुलाई 2020 को अंतिम बार ट्विट हुआ था। बता दें कि ट्विटर के नियमों अनुसार, यदि कोई अपने हैंडल का नाम बदलता है या फिर यूजर अपने अकाउंट को उस तरह से इस्तेमाल नहीं करता, जिसके आधार पर वेरिफाई किया गया था। तो इस स्थिति में ब्लू टिक यानी वेरीफाइड साइन को हटा देता है।
संघ पदाधिकारियों के भी वेरीफाइड साइन हटाए
संघ से जुड़े नेता राजीव टुली ने बताया है कि ट्विटर ने आरएसएस के कई पदाधिकारियों का ट्विटर वेरिफिकेशन भी वापस ले लिया है। उन्होंने कहा है कि इस बारे में हम ट्विटर से संपर्क की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है।
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