कोरोना से जंग: हौंसले से दी कोरोना को मात

Surajmukhi sachkahoon

स्वयं को होम आइसोलेट कर नुस्खों से बढ़ाई इम्यूनिटी पॉवर व ऑक्सीजन

ओढां(सच कहूँ/राजू)। कोरोना ने अनेकों लोगों की जिंदगियां लील ली। कई जगहों पर तो ये स्थिति हुई कि एक ही घर में कई लोग इसका ग्रास बने। लेकिन ऐसे भी बहुत से लोग जिन्होंने हिम्मत, हौंसले से कोरोना को मात भी दी। जब कुछ ऐसे लोगों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि स्थिति तो काफी विकट उत्पन्न हो गई थी, लेकिन उन्होंने हिम्मत न हारते हुए इसका सामना किया। जिसके चलते आज वे स्वस्थ हैं। उन्होंने उस समय को सांझा करते हुए बताया कि परिवार से दूर रहकर एकांत में रहना और ये भी भरोसा नहीं था कि ठीक होंगे की भी नहीं। इस परिस्थिति में उन्होंने हौंसला नहीं खोया। यहीं कारण है कि वे इस समय अपने परिवार के साथ हैं।

‘‘मेरी उम्र करीब 60 वर्ष है। मुझे खांसी, जुकाम व बुखार की शिकायत हुई थी। जांच उपरान्त मुझे कोरोना पॉजिटिव घोषित किया गया था। ये पता चलते ही भय-सा उत्पन्न हो गया था। जिसके बाद मैंने खुद को परिजनों से अलग रखते हुए हॉम आइसोलेट कर लिया। हालांकि इस दौरान मेरा ऑक्सीजन लेवल भी गिरने लगा था। जिसके चलते जान का भय उत्पन्न हो गया था। मैंने ये मन में धार लिया था कि मैं स्वंय का उपचार स्वंय करूंगी और कोरोना से जीतूंगी भी। मैंने प्रशासन द्वारा नि:शुल्क भेजी गई कोरोना रोधी किट का इस्तेमाल किया। मैंने पेट के बल घंटों लेटकर ऑक्सीजन लेवल बढ़ाया। इसके अलावा मैं भांप भी लेने के अलावा अन्य उपचार भी लेती रही। इस समय मैं बिल्कुल स्वस्थ और अपने परिवार के साथ हूं। मैं लोगों से आहवान करती हूं कि कोरोना को लेकर एतिहात बरतें और हिम्मत न हारें। सूरजमुखी (नुहियांवाली)।

Rajinder sachkahoon

‘‘मेरी उम्र 48 वर्ष है। मेरी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। रिपोर्ट आने के बाद मैं बिल्कुल भी भयग्रस्त नहीं हुआ। मैंने अपने परिवार को अवगत करवाते हुए स्वंय को होम आइसोलेट कर लिया और उपचार शुरू किया। हालांकि अलग रहने की वजह से परेशानियां तो आई लेकिन मैंने ये मन में धार लिया कि कोरोना को मात देनी है। होम आइसोलेट के दौरान मैंने सोशल मीडिया पर कोरोना की निगेटिव पोस्टों से किनारा करते हुए धार्मिक पुस्तकों का भी सहारा लिया जो मेरे लिए न केवल ज्ञानवर्धक अपितु समय बिताने का अच्छा साधन साबित हुई। जिसकी वजह से उसे कुछ भी परेशानी नहीं झेलनी पड़ी। इस समय में मैंने हौंसला बिल्कुल भी नहीं खोया। इसी बदौलत आज मैं बिल्कुल ठीक हूं और अपने परिवार के बीच हूं। कोरोना से डरें नहीं हौंसला रखें और नियमों का पालन करें। राजेन्द्र कुमार (नुहियांवाली)

Anju sachkahoon

‘‘मेरी उम्र करीब 47 वर्ष है। मुझे खांसी-बुखार होने के चलते कोरोना पॉजिटिव करार दे दिया गया। खबरें सुनकर व पढ़कर भय तो उत्पन्न हुआ लेकिन परिवार ने खूब हौंसला दिया। मैंने स्वंय को होम आइसोलेट करते हुए 15 तक परिवार से अलग रखा। ये समय काफी विकट था, लेकिन इसमें मैंने योगाभ्यास एवं घरेलू उपचार करते हुए धार्मिक उपन्यास भी पढ़े। मैंने इम्यूनिटी पॉवर बढ़ाने की औषधि का इस्तेमाल भी किया। इस वक्त मैं बिल्कुल स्वस्थ हूं। मैं लोगों से अपील करती हूं कि कोरोना को मजाक में न लेकर समय पर इसकी जांच करवाएं। आपकी आपके परिवार को जरूरत है। मास्क का प्रयोग जरूर करें।

अंजू (नुहियांवाली)

Ramkumar sachkahoon

‘‘मेरी उम्र करीब 62 वर्ष है। मुझे बुखार व सांस लेने में तकलीफ हुई थी। मैंने उपचार लेते हुए स्वंय को होम आइसोलेट किया। इम्यूनिटी पॉवर बढ़ाने वाली औषधि इस्तेमाल की और घरेलू नुस्खे अपनाते हुए भांप लेनी शुरू की। इस दौरान परेशानी तो आई लेकिन अब मैं बिल्कुल स्वस्थ हूं। मैं लोगों से एक अपील करता हूं कि कोरोना को मजाक में न लेकर सावधानी बरतें, मास्क लगाएं व सामाजिक दूरी का पालन करें। मैं कोरोना संक्रमित लोगों से एक अपील करता हूं कि हौंसला न खोएं। अगर हौंसला व हिम्मत छोड़ दी तो ये जंग हारनी पड़ सकती है। रामकुमार (बनवाला)।

Dr-Gurwinder-Singh sachkahoon

‘‘पहले तो ये वहम निकालना जरूरी है कि बुखार आते ही कोरोना आ जाएगा। लेकिन अगर समय रहते जांच करवाई जाए तो इसका समय पर ईलाज हो सकता है। होम आइसोलेट होकर बहुत से मरीज ठीक हुए हैं। हिम्मत हौंसला व विकट परिस्थिति से लड़ने की जरूरत होती है। स्वंय को साकारात्मक रखते हुए कोविड के नियमों का पालन करें। डरें नहीं सावधानी बरतें और वैक्सीनेशन व सैंपलिंग करवाएं। कोरोना एक दिन जरूर भागेगा।

डॉ. गुरविन्द्र सिंह, एमओ (सीएचसी ओढां)।

 

 

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