वाशिंगटन (एजेंसी)। द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के उद्गम स्थल चीन के वुहान शहर में तीन शोधकर्ता महामारी से ठीक पहले नवंबर 2019 में गंभीर रूप से बीमार पड़ गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। रिपोर्ट में वर्तमान और पूर्व अधिकारियों तथा अज्ञात अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट का हवाला दिया गया है। अखबार ने वुहान इंस्टीट्यूट आॅफ वायरोलॉजी के एक सूत्र के हवाले से कहा, ‘विभिन्न स्रोतों से हमें जो जानकारी मिल रही थी, वह बहुत सटीक थी। इसने आपको यह नहीं बताया कि वे वास्तव में बीमार क्यों पड़े।
कोरोना वायरस के लीक होने की संभावना बहुत कम
एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि बीमार होने वाले तीन शोधकर्ताओं की खुफिया रिपोर्ट की और जांच की जरूरत है। जनवरी में, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने वुहान की यात्रा की, जहां उन्होंने कोविड-19 की उत्पत्ति के सुराग के लिए एक प्रयोगशाला, अस्पतालों और बाजारों की जांच की। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञ मिशन ने तब एक रिपोर्ट तैयार की, जिसमें कहा गया था कि वुहान की एक प्रयोगशाला से नए कोरोना वायरस के लीक होने की संभावना बहुत कम है।
मार्च में जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि नए वायरस की सबसे अधिक संभावना एक मध्यस्थ के जरिए चमगादड़ों से मनुष्यों में फैलने के बारे में है। इसके बाद डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रिएसस ने कहा कि चीन ने वुहान शहर की यात्रा के दौरान अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के डेटा को रोक दिया था, जहां माना जाता है कि कोविड-19 नवंबर 2019 में प्रसारित होना शुरू हुआ था। संयुक्त राज्य अमेरिका और 13 अन्य देशों ने संयुक्त रूप से डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसके आने में देर हो गई।
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