सच कहूँ/अश्वनी चावला, चंडीगढ़। पंजाब पुलिस द्वारा खालिस्तान टाइगर फोर्स (के.टी.एफ.) के दो गुर्गों को गिरफ्तार किया गया है जो गत वर्ष भगता भाई (पंजाब) के एक डेरा श्रद्धालु की हत्या और एक पुजारी पर गोलियां चलाने समेत पिछले एक साल से भी कम समय में कई घृणित जुर्मों में शामिल थे। ये दोनों के.टी.एफ. के कनाडा आधारित प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर के दिशा-निर्देशों पर काम कर रहे थे जिसका नाम खालिस्तानी संचालकों की सूची में डाला गया था जो सूची मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कैनेडियन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को 2018 में उनके भारत दौरे के समय सौंपी थी।
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने रविवार को खुलासा किया कि लवप्रीत सिंह उर्फ रवि और राम सिंह उर्फ सोनू को शनिवार देर रात रेलवे क्रॉसिंग मेहना, जिला मोगा नजदीक सीनियर सेकंडरी स्कूल के पीछे से गिरफ्तार करके पुलिस द्वारा एक और डेरा प्रेमी को मारने की योजना को नाकाम कर दिया है, गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों के पास से तीन 0.32 बोर पिस्तौलों के साथ 38 जिंदा कारतूस और एक 0.315 बोर पिस्तौल के साथ 10 जिंदा कारतूसों के अलावा दो मैगजीनें भी बरामद हुई हैं।
डीजीपी ने कहा कि निज्झर के अलावा के.टी.एफ. के तीन अन्य सह-साजिशकर्ता/मास्टरमाइंड हैं जिनकी पहचान अर्शदीप, रमनदीप और चरनजीत उर्फ रिंकू बीहला के तौर पर की गई है, यह सरे (बीसी) कनाडा में छिपे हुए हैं जबकि कमलजीत शर्मा उर्फ कमल अभी फरार है। उन्होंने आगे बताया कि अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श पुत्र चरनजीत सिंह निवासी गाँव डल्ला (मोगा) और रमनदीप सिंह उर्फ रमन जज पुत्र सुखजिन्दर सिंह निवासी फिरोजपुर क्रमवार 2019 और 2017 में कानूनी तौर पर कनाडा गए थे जबकि चरनजीत सिंह उर्फ रिंकू बीहला पुत्र गुरजीत सिंह निवासी गाँव बीहला, जिला बरनाला लगभग 2013-14 में गैर कानूनी तरीके से कनाडा गया था।
गुप्ता ने बताया कि प्राथमिक जांच, जिसका नेतृत्व एसएसपी मोगा, हरमनबीर सिंह गिल ने की थी, दौरान पता चला कि लवप्रीत उर्फ रवि और कमलजीत शर्मा उर्फ कमल, अर्शदीप को जानते थे क्योंकि ये सभी बचपन से ही एक ही गाँव के थे। राम सिंह उर्फ सोनू निवासी घल खुर्द, जो आईटीआई मोगा का विद्यार्थी था, कमल को कॉलेज के दिनों से ही जानता था।
अर्शदीप ने इन सभी को पैसे दिए थे जो उसने वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर के जरिये भेजे थे। पिछले साल 20 नवंबर को सोनू और कमल ने जिला बठिंडा के भगता भाई का में डेरा प्रेमी मनोहर लाल की हत्या की थी। डी.जी.पी. ने बताया कि सोनू ने दोनों हाथों में मौजूद पिस्तौलों के साथ 3-4 गोलियाँ चलाईं और कमल ने भी फायर किये।
इस साल 31 जनवरी को फिल्लौर (जालंधर ग्रामीण) के गाँव भर सिंह पूरा में एक पुजारी कमलदीप शर्मा पर गोलीबारी में सोनू और कमल भी शामिल थे। पुजारी को तीन बार गोली मारी गई थी, जिस कारण हमले में एक लड़की समेत वह गंभीर रूप में जख्मी हो गए थे, शक है कि यह हमला निज्जर के निदेर्शों पर किया गया था। सितम्बर 2020 में, निज्जर को भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने एक आतंकवादी घोषित किया था और एनआईए ने यूएपीए की धारा 51 ए के अंतर्गत भर सिंह पुरा गाँव में उसकी जायदाद जब्त कर ली थी।
डीजीपी ने कहा कि रवि और कमल 14 जुलाई 2012 मोगा में एक कपड़ा स्टोर के मालिक की हत्या में भी शामिल थे। डीजीपी ने कहा कि मुलजिमों के अन्य संबंधों और पहले किये गए अन्य अपराधों का पता लगाने संबंधी जांच जारी है। फरार मुलजिम कमल की गिरफ्तारी के लिए खोज शुरू कर दी गई है।
पंजाब के 45 मैंबर हरचरण सिंह इन्सां ने कहा कि हमने पहले ही संदेह जताया था कि डेरा श्रद्धालु मनोहर लाल की हत्या किसी बड़ी साजिश के तहत हुई है। उन्होंने मांग की है कि पंजाब में डेरा प्रेमी की हत्या के मामले में फरार व साजिशकर्ता को तुरंत गिरफ्तार कर सख्त से सख्त सजा दिलवाई जाए, ताकि पंजाब में कोई अन्य अप्रिय घटना घटित न हो।
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